नहीं झुका भारत! रूस से कच्चा तेल खरीदने वाला हिंदुस्तान बना दूसरा सबसे बड़ा देश, अमेरिकी धमकी फेल...

India Russian oil imports: ट्रंप टैरिफ के बावजूद भारत रूस से कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बना रहा, जिससे उसकी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति मजबूत हुई।

Gausiya Bano
Published on: 16 Oct 2025 10:17 AM IST
नहीं झुका भारत! रूस से कच्चा तेल खरीदने वाला हिंदुस्तान बना दूसरा सबसे बड़ा देश, अमेरिकी धमकी फेल...
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India Russian oil imports: दुनिया भर में जब ऊर्जा के दाम आसमान छू रहे हैं, तब भारत अपने आर्थिक इंजन को चालू रखने के लिए सस्ते और भरोसेमंद तेल स्रोतों की तलाश में है। इस खोज ने भारत को रूस तक पहुंचाया, जो अब भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा का एक प्रमुख स्तंभ बन चुका है। हाल ही में हेलसिंकी स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि सितंबर माह में भारत ने रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदा। कुल मूल्य करीब 25,597 करोड़ रुपये।

हालांकि यह आंकड़ा पिछले महीनों की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन इसके बावजूद भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्थान बरकरार रखा है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत वैश्विक ऊर्जा बाजार में अपनी स्थिति को मजबूती से थामे हुए है।

चीन पहले, भारत दूसरे स्थान पर

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने सितंबर माह में रूस से 3.2 अरब यूरो का कच्चा तेल खरीदा। रूस के जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) के सबसे बड़े आयातक के रूप में चीन अपनी पकड़ बनाए हुए है। वहीं भारत उसके तुरंत बाद दूसरे स्थान पर है। इन दोनों देशों के बाद तुर्किये, यूरोपीय संघ (EU) और दक्षिण कोरिया का नंबर आता है।

भारत ने सितंबर में रूस से सिर्फ कच्चा तेल ही नहीं, बल्कि कोयला और रिफाइन्ड ईंधन भी खरीदे। कुल मिलाकर भारत का रूसी जीवाश्म ईंधन आयात 3.6 अरब यूरो तक पहुंच गया, जबकि चीन का कुल आयात 5.5 अरब यूरो रहा। यह अंतर भले ही बड़ा लगे, लेकिन भारत के लिए यह अब भी एक रणनीतिक और लाभकारी साझेदारी है।

घटा आयात, पर संबंध मजबूत

रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर माह में भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात 9% घटकर फरवरी के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गया। सरकारी तेल कंपनियों द्वारा खरीद में भी 38% की गिरावट देखी गई, जो मई 2022 के बाद का सबसे कम स्तर है। इसके बावजूद निजी कंपनियों ने रूसी तेल की खरीद जारी रखी, जिससे कुल आयात स्तर स्थिर बना रहा।

भारत ने सितंबर में रूस से 45.2 करोड़ यूरो का कोयला और 34.4 करोड़ यूरो का रिफाइन्ड तेल खरीदा। वहीं, चीन ने उसी अवधि में रूस से 78.4 करोड़ यूरो का कोयला, 65.8 करोड़ यूरो की पाइपलाइन गैस, और 48.7 करोड़ यूरो का एलएनजी (LNG) खरीदा। खास बात यह है कि भारत ने अब तक रूस से गैस आयात नहीं किया है।

अमेरिका का दबाव और नई चुनौतियां

रिपोर्ट में एक अहम बात यह भी कही गई है कि अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल आयात घटाने का दबाव बढ़ाया है। वॉशिंगटन ने भारतीय निर्यातों पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी लगाया है, जबकि अन्य देशों पर ऐसी कोई सख्ती नहीं की गई। यह कदम भारत के लिए नई आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियां लेकर आया है। अमेरिका की यह नीति भारत के ऊर्जा हितों पर सीधा असर डाल सकती है। भारत को अब यह तय करना होगा कि वह सस्ते तेल के लाभ को प्राथमिकता दे या अमेरिकी दबाव को ध्यान में रखे।

ऊर्जा सुरक्षा में रूस की भूमिका

भारत के लिए रूस सिर्फ सस्ता तेल आपूर्तिकर्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा का भरोसेमंद सहयोगी बन चुका है। भले ही सितंबर में आयात में कुछ गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन भारत के लिए रूस से तेल आयात अब एक आर्थिक रणनीति बन चुका है। सस्ते क्रूड की वजह से भारत अपनी पेट्रोल-डीजल कीमतों को नियंत्रित रख पाने में सफल रहा है, जिससे घरेलू महंगाई पर भी अंकुश लगा है। रूस से आने वाला तेल भारत की रिफाइनरियों के लिए एक सस्ता और स्थिर विकल्प है, जिससे देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी होती रहती हैं।

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Gausiya Bano

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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