Malegaon Blast Case Verdict: साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी बरी, कोर्ट ने कहा- नहीं मिले साजिश के कोई सबूत

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया।

Gausiya Bano
Published on: 31 July 2025 11:48 AM IST (Updated on: 31 July 2025 12:52 PM IST)
Malegaon Blast Case
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Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए धमाकों के मामले में 17 साल बाद आज, गुरुवार को फैसला सुनाते हुए NIA कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। यह फैसला NIA की स्पेशल कोर्ट में जज ए.के. लाहोटी ने सुनाया है। उन्होंने कहा कि यह साबित नहीं हो सका कि जिस बाइक में ब्लास्ट हुआ, वो साध्वी प्रज्ञा के नाम थी। और न ही यह साबित हुआ कि कर्नल प्रसाद पुरोहित ने बम बनाया। कुल मिलाकर मामले में किसी साजिश का सीधा सबूत नहीं मिल पाया, जिसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया। इसी के साथ विस्फोट के सभी छह पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और सभी घायल पीड़ितों को 50,000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाने का फैसला भी सुनाया।

कोर्ट ने आगे कहा, "हमने ADG ATS को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में विस्फोटक रखने के मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया है।"

आज भगवा की जीत हुई- साध्वी प्रज्ञा

NIA कोर्ट की तरफ से पक्ष में फैसला आने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा, "मुझे जांच के लिए बुलाया गया और मुझे गिरफ्तार करके प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी लेकिन मुझ पर आरोप लगाए गए और कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। मैं जिंदा हूं क्योंकि मैं एक सन्यासी हूं। उन्होंने साजिश करके भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर दोषियों को सजा देगा।"

अखिलेश यादव से लेकर रवि किशन ने भी दी प्रतिक्रिया

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मालेगांव ब्लास्ट मामले पर कहा, "दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। देश की आम जनभावना है कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए।"

वहीं भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं खुशी मनाऊं या दुख। उनके जीवन के 17 साल कौन लौटाएगा? कांग्रेस के जिन आलाकमान नेताओं ने भगवा को आतंकी शब्द दिया था, उन्हें अब 100 करोड़ हिंदुओं को जवाब देना चाहिए कि किस आधार पर उन्होंने भगवा आतंकवाद शब्द कहना शुरू किया था।"

क्या था मालेगांव ब्लास्ट मामला?

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में बम धमाके हुए थे, जिनमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 101 लोग घायल हुए थे। बताया जाता था कि एक मोटरसाइकिल पर विस्फोट बांधकर इस धमाके को अंजाम दिया गया था। और यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा के नाम रजिस्टर्ड थी, लेकिन अब कोर्ट में यह साबित नहीं हो पाया है। बता दें कि मामले की शुरुआती जांच में आरोप हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े कुछ लोगों पर लगे थे।

इस मामले में सात आरोपी हैं, जिनके नाम हैं- साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (पूर्व भाजपा सांसद), कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी। ये सभी आरोपी आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहें।

जांच एजेंसियां और कोर्ट की प्रक्रिया

इस केस की शुरुआती जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी, लेकिन 2011 में यह केस एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को सौंप दिया गया। बाद में 2016 में एनआईए ने अपनी चार्जशीट दायर की। अब तक इस केस में तीन जांच एजेंसियां और चार जज बदल चुके हैं। इससे पहले 8 मई 2025 को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट ने निर्णय को सुरक्षित रखते हुए 31 जुलाई की तारीख तय की थी।

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Gausiya Bano

Gausiya Bano

Content Writer

मैं गौसिया बानो आज से न्यूजट्रैक में कार्यरत हूं। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। पत्रकारिता में 2.5 साल का अनुभव है। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूजबाइट्स और राजस्थान पत्रिका में काम कर चुकी हूँ।

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