भारत ने रच दिया इतिहास! NASA-ISRO का 'करोड़ों डॉलर वाला प्लान' हुआ लॉन्च, अब हर हरकत पर होगी नजर

NISAR GSLV-F16 launched: भारत और NASA ने मिलकर रचा अंतरिक्ष में इतिहास! ISRO के GSLV-F16 से लॉन्च हुआ NISAR सैटेलाइट, जो अब ग्लेशियर, भूकंप, जंगलों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसी हर हरकत पर रखेगा पैनी नजर।

Harsh Srivastava
Published on: 30 July 2025 7:12 PM IST
भारत ने रच दिया इतिहास! NASA-ISRO का करोड़ों डॉलर वाला प्लान हुआ लॉन्च, अब हर हरकत पर होगी नजर
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NISAR GSLV-F16 launched: भारत के हाथ आज फिर एक ऐतिहासिक सफलता लगी है। इस बार यह जीत सिर्फ तकनीक की नहीं बल्कि पृथ्वी के भविष्य को बचाने की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA ने मिलकर जो ‘अरबों डॉलर’ का सपना देखा था, वो आज सफल प्रक्षेपण के साथ हकीकत में बदल गया है। नाम है NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar)। यह न सिर्फ एक सैटेलाइट है, बल्कि आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की जलवायु, भूकंप, जंगल, ग्लेशियर और शहरों के विस्तार पर नजर रखने वाला 'अंतरिक्ष से धरती की चौकसी करने वाला रक्षक' बन गया है। और इस मिशन की सबसे बड़ी बात यह है कि इसका दिल ISRO और NASA की साझेदारी से धड़कता है।

NISAR: अंतरिक्ष से धरती पर नजर रखने वाला 'जासूस'

अब सोचिए, अगर कोई ऐसा उपकरण हो जो धरती की हर हरकत, हर बदलाव और हर आपदा को महीनों पहले भांप ले तो वो कितना क्रांतिकारी होगा? ठीक यही काम करेगा NISAR। ये सैटेलाइट दुनिया का पहला ऐसा रडार मिशन है जो L-band (NASA) और S-band (ISRO) की डुअल-फ्रिक्वेंसी तकनीक से लैस है। इसका मतलब यह है कि अब पृथ्वी की सतह पर हो रहे छोटे से छोटे बदलावों पर भी सीधी नजर रखी जा सकेगी। भूकंप की हलचल, जंगलों की कटाई, ग्लेशियर का पिघलना, बाढ़ का खतरा, और यहां तक कि शहरों की फैलती सीमाएं, सब कुछ NISAR की आंख से बच नहीं पाएंगे।

क्लाइमेट चेंज के खिलाफ अब मिलेगा असली हथियार

जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया भर में चिंता है। लेकिन चिंता से समाधान नहीं मिलता डेटा से मिलता है। और यही डेटा अब NISAR देगा। ग्लोबल वार्मिंग से पिघलते हिमखंड, बेमौसम बारिश, जंगलों की आग, समुद्र का बढ़ता जलस्तर NISAR इन सबका लगातार ट्रैक रखेगा। यही नहीं, इस डेटा का इस्तेमाल करके दुनियाभर की सरकारें जलवायु नीति बना सकेंगी, आपदा की तैयारी कर सकेंगी और करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

भारत की 'स्पेस डिप्लोमैसी' का सुपरहिट शो

NISAR सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की सबसे बड़ी जीत है। आज जब दुनिया दो ध्रुवों में बंटी है, तब NASA जैसी महाशक्ति भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। और वो भी ऐसे प्रोजेक्ट पर, जो सिर्फ विज्ञान नहीं बल्कि भविष्य बचाने की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। ISRO की GSLV-F16 रॉकेट से इस सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण इस बात का सबूत है कि भारत अब सिर्फ 'अनुसंधानकर्ता' नहीं, बल्कि 'नेता' बन चुका है। भारत ने ये साबित कर दिया है कि हम सिर्फ मंगल या चांद पर नहीं, बल्कि धरती को बचाने के लिए भी सबसे आगे हैं।

वैज्ञानिकों का जोश, दुनिया की उम्मीद

जैसे ही GSLV-F16 ने उड़ान भरी, इसरो के कंट्रोल रूम में तालियों की गूंज सुनाई दी। वैज्ञानिकों की आंखों में नमी थी, लेकिन वो गर्व की थी। क्योंकि उन्हें पता था कि ये मिशन सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए उम्मीद की किरण है। दूसरी ओर, NASA के वैज्ञानिकों ने भी इसे "पार्टनरशिप की सबसे बेहतरीन मिसाल" बताया। आने वाले महीनों में जैसे-जैसे NISAR धरती से डेटा भेजना शुरू करेगा, पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर होंगी।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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