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अंतरिक्ष में लहराया भारत का परचम! शुभांशु शुक्ला ने किए अनोखे प्रयोग

Shubhanshu Shukla: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इन दिनों Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं और वैज्ञानिक शोध में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

Ragini Sinha
Published on: 9 July 2025 9:44 PM IST
shubhanshu shukla iss microgravit
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shubhanshu shukla iss microgravit (social media)

Shubhanshu Shukla: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इन दिनों Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं और वैज्ञानिक शोध में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। वह इस मिशन के मिशन पायलट हैं और SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट से 25 जून को नासा के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुए थे। उन्होंने Dragon स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ा इस मिशन के दौरान ग्रुप कैप्टन शुभांशु ने माइक्रोग्रैविटी यानी सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में तीन प्रमुख प्रयोग किए।

पहला प्रयोग

पहले प्रयोग में उन्होंने बीजों पर रिसर्च की, यह देखने के लिए कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का बीजों की अंकुरण और शुरुआती वृद्धि पर क्या असर होता है। धरती पर लौटने के बाद इन बीजों की कई पीढ़ियों तक खेती की जाएगी ताकि उनके जीन, पोषण और माइक्रोबायोलॉजिकल बदलावों का अध्ययन किया जा सके।

दूसरा प्रयोग

दूसरे प्रयोग में उन्होंने सूक्ष्म शैवाल (microalgae) को तैनात और संग्रहित किया। ये शैवाल अंतरिक्ष में भोजन, ऑक्सीजन और बायोफ्यूल के विकल्प के रूप में देखे जा रहे हैं।

तीसरा प्रयोग

तीसरे प्रयोग में उन्होंने फसल बीजों की तस्वीरें लीं, ताकि मिशन के बाद इन बीजों की पीढ़ियों में विकास करके ऐसे पौधों की पहचान की जा सके जो अंतरिक्ष में खेती के लिए उपयुक्त हों।

क्या है मकसद

इसके अलावा, इस मिशन के अन्य वैज्ञानिक शोधों में मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन, मांसपेशियों की मजबूती के लिए इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन, गर्मी हस्तांतरण में कपड़ों की भूमिका, स्मार्टफोन सेंसर की सटीकता और रेडिएशन डेटा संग्रह जैसे महत्वपूर्ण प्रयोग शामिल हैं। Axiom Mission 4 का उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान को आगे बढ़ाना और धरती पर स्वास्थ्य व तकनीक से जुड़े क्षेत्रों को लाभ पहुंचाना है।

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