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New GST Rates में अभिभावकों की जेब पर बोझ होगा कम, पेंसिल,नोटबुक समेत कई चीजों पर 0% टैक्स
GST on Stationery Products: नई जीएसटी दरों में स्टेशनरी के समानों पर लगने वाले टैक्स को कम किया गया
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GST on Stationery Products: जीएसटी काउंसिल ने अप्रत्यक्ष दरों में ऐतिहासिक सुधार (GST Reforms) करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दे दी। काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों, 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी है। ऐसे में देश में कई वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स में कटौती हुई है। आम जानता की नज़र उन वस्तुओं पर है जो अब सस्ती हो जायेंगी। ऐसी वस्तुओं में पढ़ाई लिखाई से सम्बंधित स्टेशनरी के समान भी शामलि हैं। सरकार ने कॉपी-पेंसिल और रबर जैसी स्टेशनरी पर लगने वाले जीएसटी कर को कम कर दिया है। इससे अभिभावकों की जेब पर पढ़ाई का बोझ थोड़ा कम होगा। साथ ही गरीब बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के समानों जैसे पेंसिल, कॉपी, कलर आदि लेने में आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पेंसिल, शार्पनर, मानचित्रों, चार्ट, ग्लोब और नोटबुक्स आदि जैसी स्टेशनरी पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर शून्य कर दी गई है।
स्टेशनरी के इन समानों पर लगेगा शून्य टैक्स
केंद्र सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्टेशनरी के के कई समानों पर शून्य टैक्स कर दिया गया है। New GST Rate List 2025 के अनुसार, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, मैप्स, चार्ट, ग्लोब, प्रैक्टिस बुक्स और नोटबुक आदि पर टैक्स शून्य कर दिया गया है। इन वस्तुओं पर पहले 12 फीसदी टैक्स लगता था। इसके अलावा, रबर पर पहले 5 फीसदी टैक्स लगता था, इसे भी अब घटाकर शून्य कर दिया गया है।
अभिभआवकों को राहत
New GST Slabs लागू होने के बाद अभिभावकों को बच्चों के स्टेसनरी समानों पर होने वाले खर्चे से कुछ राहत मिलेगी। इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं। यदि पहले आप 12 फीसदी कर के साथ एक ग्लोब 500 रुपये में खरीदते थे, तो अब वह कर मुक्त होने के बाद तकरीबन 446 रुपये का पड़ेगा।
ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किया गया: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, "नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। इस फैसले से 175 से अधिक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। वर्तमान में जीएसटी की चार दरें 5, 12, 18 और 28 फीसदी लागू हैं।" काउंसिल की बुधवार को हुई करीब साढ़े दस घंटे की बैठक के बाद सीतारमण ने बताया कि, "ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं। आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले हर कर की कड़ी समीक्षा की और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी हुई है। किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र को भी इससे लाभ होगा। दरों का यह सरलीकरण अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार पहल का हिस्सा है।"
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