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अंतरिक्ष से लौटे भारत के 'हीरो' शुभांशु शुक्ला! 27,000 की रफ्तार, 1600 डिग्री तापमान और बेटे का खिलौना लेकर धमाकेदार वापसी

Shubhanshu Shukla Back to Earth: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो 18 दिन पहले अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में निकले थे, सालों की तैयारी, हज़ारों सपनों और करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों को लेकर वापस धरती पर लौट आए।

Harsh Srivastava
Published on: 15 July 2025 3:42 PM IST
अंतरिक्ष से लौटे भारत के हीरो शुभांशु शुक्ला! 27,000 की रफ्तार, 1600 डिग्री तापमान और बेटे का खिलौना लेकर धमाकेदार वापसी
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Shubhanshu Shukla Back to Earth: धरती पर दोपहर के 3 बज रहे थे। तारीख थी 15 जुलाई 2025। लेकिन ये कोई आम दिन नहीं था। ये वो पल था जब भारत का सिर गर्व से और ऊंचा हो गया। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो 18 दिन पहले अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में निकले थे, सालों की तैयारी, हज़ारों सपनों और करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों को लेकर वापस धरती पर लौट आए। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पूरी कर शुभांशु स्पेसएक्स के ग्रेस (Grace) यान के जरिए कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन करते हैं। एक जोरदार 'सोनिक बूम' और फिर कुछ मिनट की चुप्पी… जैसे पूरी दुनिया थम गई हो, और जब संवाद दोबारा जुड़ा, तो खबर आईवो सुरक्षित हैं।

जब भारत का सपना पृथ्वी पर लौटा

25 जून 2025, शुभांशु को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष की अंधेरी परतों को चीरते हुए वो 26 जून को ISS से जुड़े। वहां उन्होंने मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव, मानसिक स्वास्थ्य, और वहां पर फसलें उगाने जैसे 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया। लेकिन वापसी आसान नहीं थी। 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे, ग्रेस यान ISS से अलग हुआ और धरती की ओर बढ़ा। फिर शुरू हुआ धरती पर लौटने का सबसे जोखिम भरा मिशन। 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यान ने वायुमंडल में प्रवेश किया। तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, लेकिन हीट शील्ड ने जान बचाई। उसके बाद खुला पैराशूट और फिर हुआ स्प्लैशडाउन। लेकिन स्प्लैशडाउन से पहले जो कुछ हुआ, उसने हर भारतीय की धड़कनें थाम दीं। यान के तेज रफ्तार प्रवेश के कारण प्लाज्मा की परत बन गई, जिसने ग्रेस यान के साथ संपर्क कुछ देर के लिए पूरी तरह काट दिया। वो कुछ मिनट मानो सदी जैसे बीते। जब तक कम्युनिकेशन बहाल नहीं हुआ, हर आंख स्क्रीन पर और हर दिल प्रार्थना में डूबा था।

अंतरिक्ष का 'वीर' और उसका 'जॉय'

जब शुभांशु को रिकवरी टीम ने यान से बाहर निकाला, तो उनके साथ केवल वैज्ञानिक डेटा या नासा का हार्डवेयर ही नहीं था। साथ था एक छोटा हंसजॉय, जो उनके बेटे का सबसे पसंदीदा खिलौना है। साथ था भारत का तिरंगा, जो पूरे मिशन के दौरान उनके साथ अंतरिक्ष में लहराता रहा। ग्रेस यान 580 पाउंड (263 किलो) सामान के साथ लौटा, जिसमें वैज्ञानिक उपकरण, प्रयोगों के नमूने और अंतरिक्ष स्टेशन का कचरा शामिल था। लेकिन इन सबमें सबसे अनमोल था वो भाव, जो भारत के एक बेटे ने अंतरिक्ष से लौटते हुए अपने देश के लिए लाया।

वापसी का अगला अध्याय

शुभांशु और उनकी टीम को अब क्वारंटाइन में रखा जाएगा। अंतरिक्ष से लौटने के बाद शरीर को गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से सामंजस्य बिठाने में वक्त लगता है। उनकी मेडिकल जांच होगी, सेहत पर नजर रखी जाएगी, और फिर वो तैयार होंगे अपनी अगली उड़ान के लिएचाहे वो धरती की हो या फिर चांद की। शुभांशु ने कहा, अंतरिक्ष में भारत का तिरंगा देखना मेरे जीवन का सबसे भावुक क्षण था। मैं अपने बेटे के खिलौने ‘जॉय’ को साथ ले गया, ताकि वो जान सके कि सपनों की उड़ान कितनी ऊँची हो सकती है। यह अंत नहीं, एक नई शुरुआत है।

गगन से गगनयान तक

ये मिशन सिर्फ शुभांशु की नहीं, भारत की कहानी है। यह मिशन दिखाता है कि अब भारत अंतरिक्ष की दौड़ में पीछे नहीं है। यह प्रेरणा है गगनयान मिशन और उससे आगे की संभावनाओं के लिए। अंतरिक्ष की नमी अब हमारे सपनों में नहीं, हकीकत में है। अब भारत सिर्फ एक दर्शक नहीं, खिलाड़ी है उस मंच का, जहां पृथ्वी की सीमाएं खत्म होती हैं और ब्रह्मांड की शुरुआत होती है। और शुभांशु शुक्ला... वो नाम है, जिसने उस मंच पर भारत की मौजूदगी को चुप नहीं, गरजते हुए दर्ज किया है।की की

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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