2 राज्यों में SIR, लेकिन असम बाहर क्यों? मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया नागरिकता जांच से जुड़ा तर्क

Special Intensive Revision: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR का दूसरा चरण 12 राज्यों में शुरू, असम में नागरिकता जांच के कारण अलग रिवीजन होगा।

Harsh Sharma
Published on: 27 Oct 2025 7:36 PM IST
2 राज्यों में SIR, लेकिन असम बाहर क्यों? मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया नागरिकता जांच से जुड़ा तर्क
X

Special Intensive Revision: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बताया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण मंगलवार से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा। इस चरण में अंडमान-निकोबार, गोवा, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब मुख्य चुनाव आयुक्त से असम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि असम इस बार दूसरे चरण में शामिल नहीं है। इसका मतलब यह है कि असम में SIR प्रक्रिया अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित की जाएगी।

बिहार के मतदाताओं की सराहना

असम में SIR न होने की वजह के बारे में उन्होंने बताया कि असम के लिए भारतीय नागरिकता कानून में विशेष प्रावधान हैं। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में वहां नागरिकता जांच का कार्यक्रम अभी भी जारी है। इसलिए 24 जून को जो SIR का आदेश पूरे देश के लिए जारी हुआ था, वह असम पर लागू नहीं होता। असम के लिए मतदाता सूची के अलग से रिवीजन के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के मतदाताओं की प्रशंसा करते हुए कहा, "मैं बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं जिन्होंने सक्रिय भागीदारी देकर इस प्रक्रिया को सफल बनाया।"

बिहार में SIR का पहला चरण सफल

उन्होंने बताया कि SIR का पहला चरण बिहार में आयोजित किया गया था। इस चरण में लगभग 90,000 से अधिक मतदान केंद्र शामिल थे और यह पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार के मतदाताओं की भागीदारी शानदार रही, जिससे यह अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मानक बन गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सक्रिय सहभागिता मतदाता सूची को सटीक और विश्वसनीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मतदाताओं की भागीदारी बनी उदाहरण

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि आयोग ने देश भर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात कर इस प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की है। उनका कहना था कि यह पहल केवल मतदाता सूची को अपडेट करने तक सीमित नहीं है, बल्कि देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने और लोगों की भागीदारी बढ़ाने का भी माध्यम है। इस तरह, मतदाता सूची का यह विशेष गहन पुनरीक्षण देश में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। बिहार की सफलता और असम के लिए अलग प्रावधान इसे और भी स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि चुनाव आयोग हर राज्य की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कदम उठा रहा है।

1 / 7
Your Score0/ 7
Harsh Sharma

Harsh Sharma

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!