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क्या है Ice Bath? जानिए इसके फायदे, छिपे हुए खतरे और किन-किन लोगों को रहना चाहिए इससे दूर
Ice Bath Kya Hai: आइस बाथ लेने के कई फायदे हैं, लेकिन इससे जुड़ी कुछ गंभीर सावधानियां भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
Ice Bath kya hai (SOCIAL MEDIA)
Ice Bath Kya Hai: आजकल लोग फिटनेस और हेल्थ के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। उन्हीं में से एक है आइस बाथ। इसे कोल्ड वॉटर इमर्शन या ठंडे पानी में स्नान भी कहा जाता है। इसमें शरीर को बर्फ जैसे ठंडे पानी में कुछ मिनटों के लिए डुबोया जाता है। यह एक तरह की क्रायोथेरेपी है, जिसमें शरीर को ठंड के जरिए इलाज मिलता है।
आइस बाथ क्या है?
आइस बाथ यानी बर्फ जैसे ठंडे पानी में शरीर को गर्दन तक डुबो देना। खिलाड़ी, एथलीट और फिटनेस प्रेमियों के बीच आइस बाथ काफी लोकप्रिय है क्योंकि इसके कई शारीरिक लाभ बताए जाते हैं। जब आप ठंडे पानी में जाते हैं, तो आपकी त्वचा और बल्ड वैशल्श कॉम्प्रेस हो जाती हैं । इसके बाद जब आप बाहर आते हैं, तो ये बल्ड वैशल्श फिर से फैल जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर बल्ड पूरे शरीर में पहुंचता है। यह प्रक्रिया मांसपेशियों की रिकवरी, सूजन कम करने और मूड सुधारने के लिए की जाती है।
आइस बाथ के प्रकार
- आइस बाथ: बर्फ या बहुत ठंडे पानी में बैठना।
- कोल्ड शॉवर: 5-10 मिनट तक ठंडे पानी से नहाना।
- कॉन्ट्रास्ट बाथ: एक बार गर्म और एक बार ठंडे पानी से स्नान करना, खासकर चोट के बाद रिकवरी के लिए।
आइस बाथ के फायदे
आइस बाथ यानी ठंडे पानी में स्नान करना आजकल फिटनेस और रिकवरी के लिए तेजी से फेमस हो रहा है। खासकर एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों की थकान और सूजन को कम करने में यह कारगर माना जाता है। जब हम आइस बाथ लेते हैं, तो शरीर की त्वचा और नसें ठंडक के कारण सिकुड़ जाती हैं।
इससे मांसपेशियों में सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जो नियमित वर्कआउट या शारीरिक मेहनत करते हैं। इसके अलावा ठंडा पानी दिमाग को भी एक्टिव करता है। आइस बाथ लेने से मूड अच्छा होता है, तनाव घटता है और मानसिक सतर्कता बढ़ती है। साथ ही, शरीर के रक्त संचार में भी सुधार होता है, जिससे अंगों तक जरूरी ऑक्सीजन और पोषक तत्व आसानी से पहुंचते हैं।
आइस बाथ के साइड इफेक्ट्स
आइस बाथ लेने के कई फायदे हैं, लेकिन इससे जुड़ी कुछ गंभीर सावधानियां भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अचानक बहुत ठंडे पानी में जाने से शरीर झटका खा सकता है। इसमें सांस तेज हो सकती है, ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है और हार्ट पर असर पड़ सकता है, जो खासकर दिल के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर आप ज्यादा देर तक आइस बाथ में रहते हैं, तो शरीर का तापमान बहुत ज्यादा गिर सकता है।
इससे हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है, जिसमें अंगों को नुकसान हो सकता है और शरीर सुन्न पड़ सकता है। बहुत ठंडे पानी या सीधे बर्फ के संपर्क से त्वचा पर जलन, लाल चकत्ते, गांठें या सूजन हो सकती है। लंबे समय तक ठंड में रहने से नसों को भी नुकसान हो सकता है, जिससे सुन्नता, झनझनाहट या कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आइस बाथ को सीमित और सावधानीपूर्वक लेना जरूरी है।
किन लोगों को आइस बाथ नहीं लेना चाहिए?
- जिनको दिल की बीमारी है
- हाई ब्लड प्रेशर या सांस की तकलीफ हो
- बुजुर्ग और छोटे बच्चों को
- गर्भवती महिलाओं को
- अगर शरीर में कोई खुला घाव या संक्रमण हो
आइस बाथ सभी के लिए नहीं है और इसके साथ कई सावधानियां भी जरूरी हैं। अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं या पहली बार आइस बाथ ले रहे हैं, तो डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है।
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