मिठाई इतनी महंगी कि गहने भी सस्ते पड़ें! दिवाली पर जयपुर की ‘स्वर्ण प्रसादम’ चर्चा में क्यों है?

जयपुर की ‘त्योहार स्वीट्स’ ने दिवाली पर पेश की देश की सबसे महंगी मिठाई ‘स्वर्ण प्रसादम’, जिसकी कीमत है 1.11 लाख रुपये प्रति किलो। जानिए क्या है इसकी खासियत, सोने से बनी इस लग्ज़री मिठाई की सामग्री, पैकिंग और सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं।

Jyotsna Singh
Published on: 19 Oct 2025 11:57 PM IST
Swarna Prasadam Jaipur
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Swarna Prasadam Jaipur (Image Credit-Social Media)

Swarna Prasadam Jaipur: दिवाली आते ही बाजारों में मिठाइयों की चमक बढ़ जाती है, लेकिन इस बार जयपुर में एक ऐसी मिठाई सामने आई है जिसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया। 'त्योहार स्वीट्स' नाम के प्रसिद्ध मिठाई ब्रांड ने इस दिवाली के लिए 'स्वर्ण प्रसादम' नामक खास मिठाई तैयार की है, जिसकी कीमत सुनकर हर कोई हैरान है। इस मिठाई की कीमत है 1.11 लाख रुपये प्रति किलो। इसे भारत की अब तक की सबसे महंगी मिठाई बताया जा रहा है। मिठाई का नाम जितना शाही है, उसका लुक और सामग्री भी उतनी ही आलीशान हैं। इस मिठाई को न सिर्फ़ खाने के लिए बल्कि एक लग्जरी अनुभव के रूप में पेश किया गया है।

क्या है खास इस ‘स्वर्ण प्रसादम’ में?

त्योहार स्वीट्स की मालकिन अंजलि जैन के अनुसार, यह मिठाई खासतौर पर दिवाली के लिए तैयार की गई है। इसमें प्रीमियम इंग्रेडिएंट्स जैसे चिलगोजा, केसर और शुद्ध सोने का बेस इस्तेमाल किया गया है। मिठाई की ऊपरी परत पर गोल्डन ग्लेजिंग की गई है, जो इसे ज्वेलरी जैसी चमक देती है। सोने की यह परत न केवल दिखने में भव्य है बल्कि इसे खाने योग्य गोल्ड लीफ के रूप में तैयार किया गया है। इसकी वजह से यह मिठाई एकदम 'लक्ज़री डेज़र्ट' की श्रेणी में आ गई है।


पारंपरिक मिठाइयों से अलग, इस मिठाई को हेल्थ और लग्जरी दोनों का संगम बताकर पेश किया गया है। इसमें शामिल 'स्वर्ण भस्म' आयुर्वेद में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना जाता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि मिठाई में सोने का सेवन सीमित मात्रा में ही लाभकारी हो सकता है, फिर भी त्योहार स्वीट्स ने इसे 'सेहत और स्वाद का मेल' बताकर मार्केट में उतारा है।

स्वर्ण प्रसादम की कितनी है कीमत और कैसी है पैकिंग?

स्वर्ण प्रसादम की कीमत 1.11 लाख रुपये प्रति किलो है, जबकि इसका एक पीस करीब 3,000 रुपये में बेचा जा रहा है। यही नहीं दुकान की पैकिंग भी उतनी ही भव्य है। ज्वेलरी बॉक्स जैसी, जिसमें मिठाई को गोल्डन रैपिंग और शीशे जैसी ट्रांसपैरेंट ढक्कन में पैक किया जाता है। पैकिंग को देखकर किसी को भी लगेगा कि यह मिठाई नहीं, किसी हाई-एंड ज्वेलरी बुटीक का गिफ्ट बॉक्स है। ब्रांड के मुताबिक़, इसका उद्देश्य ग्राहकों को 'शाही अनुभव' देना है ताकि यह सिर्फ़ मिठाई न होकर एक स्टेटस सिंबल भी बने।

बाकी मिठाइयां भी 70 हजार के ऊपर

स्वर्ण प्रसादम के अलावा, इसी दुकान पर अन्य महंगी मिठाइयां भी बिक्री के लिए हैं। जैसे 'स्वर्ण भस्म भरत' नामक मिठाई, जिसका एक पीस ₹ 1,950 का और प्रति किलो लगभग ₹ 85,000 का है। वहीं 'चांदी भस्म भरत' मिठाई ₹ 58,000 प्रति किलो तक बिक रही है। इनमें बादाम, काजू, पिस्ता, ब्लूबेरी, अंजीर, व्हाइट चॉकलेट और साल्टेड बटर कैरेमल जैसे प्रीमियम इंग्रेडिएंट्स डाले गए हैं। पिछले साल भी इस ब्रांड ने ₹ 70,000 प्रति किलो वाली मिठाई पेश की थी, लेकिन इस बार की मिठाई ने कीमत और चर्चा दोनों में पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

क्यों बढ़ रहा है हाई-एंड मिठाइयों का चलन

मिठाई हमेशा भारतीय त्योहारों का अहम हिस्सा रही है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें दिखावा और ब्रांडिंग का नया अध्याय जुड़ गया है। आज उपहार देने की संस्कृति सिर्फ रिश्तों तक सीमित नहीं रही, बल्कि 'लक्ज़री गिफ्टिंग' का रूप ले चुकी है। अमीर और एलीट वर्ग अब कुछ ऐसा देना चाहते हैं जो अनोखा और सोशल मीडिया पर चर्चित हो। स्वर्ण प्रसादम जैसी मिठाइयां इस 'एक्सक्लूसिव गिफ्ट' के पैमाने पर पूरी तरह से खरी उतरती हैं। साथ ही, इस तरह की मिठाइयों में केसर, पिस्ता, चिलगोजा और गोल्ड लीफ जैसी सामग्री का उपयोग खुद-में महंगा होता है। इसके अलावा लिमिटेड प्रोडक्शन, शाही पैकिंग और ब्रांड की प्रतिष्ठा मिलकर कीमत को कई गुना बढ़ा देते हैं। इस तरह की मिठाइयां स्वाद से ज़्यादा 'शाही अनुभव' का हिस्सा बन चुकी हैं। वहीं आज का एक बड़ा ग्राहक वर्ग इस बेशकीमती मिठाइयों का अनुभव पाने के लिए तैयार है।

इस राजसी मिठाई को सोशल मीडिया पर मिला मिला-जुला रिस्पॉन्स


लाख रुपए की कीमत वाली इस मिठाई की खबर जबसे यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, लोग इस पर तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे 'हर साल का नाटक' बताया तो कुछ ने तंज कसा कि 'हम 400 रुपए किलो वाली ही खा लेंगे।' एक यूजर ने लिखा कि 'अब हर दिवाली पर चर्चा में आने के लिए कोई न कोई महंगी मिठाई बना देता है।' वहीं कुछ लोगों ने इसे सामाजिक असमानता का प्रतीक बताते हुए कहा कि ऐसी दुकानों का बहिष्कार होना चाहिए, जहां आम आदमी की पहुंच ही न हो।

इन प्रतिक्रियाओं से यह साफ झलकता है कि लग्जरी मिठाइयों का चलन जितना ध्यान खींच रहा है, उतना ही यह समाज में अमीरी-गरीबी के अंतर को भी उभार रहा है।

ब्रांड का दावा है कि इसमें इस्तेमाल स्वर्ण भस्म सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सोने का सेवन आयुर्वेदिक संदर्भ में लाभकारी हो सकता है, पर मिठाई के रूप में इसका प्रभाव सीमित है। असल में, यह मिठाई स्वास्थ्य की तुलना में लग्जरी और विशिष्टता का प्रतीक बन चुकी है।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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