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दोस्त के हाथों में हाथ डाल घूम रही थी अर्चना तिवारी, CCTV में दिखा काला सच, खुल गयी पोल
Archana Tiwari CCTV video: मध्य प्रदेश की अर्चना तिवारी गुमशुदगी केस का सच सामने आ गया है। सीसीटीवी फुटेज में वह दोस्त का हाथ पकड़कर इटारसी स्टेशन से निकलती दिखी।
Archana Tiwari CCTV video: मध्य प्रदेश में 12 दिनों से सनसनी फैलाए हुए अर्चना तिवारी की गुमशुदगी की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है, और इसका सच किसी भी फिल्मी कहानी से कम चौंकाने वाला नहीं है। भोपाल रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने यह खुलासा करके सबको हैरत में डाल दिया है कि अर्चना ने अपनी गुमशुदगी का पूरा प्लान खुद बनाया था और वही इस मामले की मास्टरमाइंड थी। अब इस केस का एक अहम सीसीटीवी वीडियो सामने आया है जिसने पूरी पोल खोल दी है।
सीसीटीवी फुटेज ने खोली पूरी पोल
पुलिस जांच में सामने आया कि यह कोई अपहरण या हादसा नहीं, बल्कि खुद अर्चना की बनाई गई कहानी थी। हाल ही में सामने आए एक सीसीटीवी वीडियो में अर्चना को काले रंग की साड़ी पहने, चेहरा घूंघट से ढके और अपने दोस्त तेजेंद्र का हाथ पकड़े हुए इटारसी रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हुए देखा गया। फुटेज से साफ हो रहा है कि पूरी साजिश कितनी सोची-समझी थी।
शादी से बचने के लिए रची गई थी कहानी
पुलिस जांच में सामने आया कि इस पूरी साजिश की जड़ अर्चना के परिवार द्वारा उस पर डाला जा रहा शादी का दबाव था। परिवार उसकी शादी एक पटवारी लड़के से कराना चाहता था, लेकिन अर्चना इससे खुश नहीं थी। उसे अपनी पढ़ाई छोड़कर शादी करने को कहा गया, जिससे वह बहुत परेशान थी। इसी दौरान, इंदौर में अपनी पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात सारांश नाम के एक लड़के से हुई, और दोनों ने मिलकर इस गुमशुदगी का पूरा प्लान बनाया।
फिल्मी अंदाज में गायब होने का प्लान
अर्चना, जो खुद एक वकील थी, जानती थी कि रेलवे पुलिस (जीआरपी) में मामला दर्ज होने पर गहन जांच की संभावना कम होगी। इसी का फायदा उठाते हुए उसने ट्रेन से गायब होने का नाटक किया। 6 अगस्त को बने प्लान के मुताबिक, सारांश और ड्राइवर तेजेंद्र के साथ मिलकर यह योजना बनाई गई। तेजिंदर ट्रेन में इटारसी तक अर्चना के साथ गया और उसे अर्चना के कपड़े और मोबाइल दिए गए, ताकि वह इन्हें जंगल में फेंककर पुलिस को गुमराह कर सके।
उधर, सारांश अपनी कार से इटारसी पहुंचा और अर्चना को वहां से ले गया। दोनों ने टोल टैक्स और सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए एक लंबा और घुमावदार रास्ता चुना। वे शुजालपुर से बुरहानपुर, फिर हैदराबाद, जोधपुर, दिल्ली होते हुए नेपाल पहुंचे। नेपाल में सारांश ने अर्चना को छोड़ दिया और खुद वापस लौट आया।
500 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले, तब मिला सुराग
अर्चना की तलाश में जीआरपी की 70 सदस्यीय टीम ने करीब 12-13 दिन तक दिन-रात काम किया। टीम ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जांच का बड़ा सुराग तब मिला जब अर्चना की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) में एक नंबर पर लंबे समय तक बातचीत दर्ज हुई। वह नंबर सारांश का निकला। वहीं से पुलिस ने कड़ियां जोड़नी शुरू कीं। सारांश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पूरा राज खुल गया। जैसे ही पुलिस ने सारांश को पकड़ा, खबर अर्चना तक भी पहुंच गई। तब तक वे नेपाल में थीं, लेकिन परिवार से संपर्क करने के बाद नेपाल-भारत बॉर्डर से लौट आईं। उन्हें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कस्बे से सुरक्षित बरामद किया गया।
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