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अब्बास अंसारी की विधायकी बची या गयी? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
Abbas Ansari News: सुहेलदेव भारत समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक रहे अब्बास अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जस्टिस समीर जैन की सिंगल डिविजन बेंच ने अपना निर्णय सुनाया।
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Abbas Ansari News: उत्तर प्रदेश के मऊ सदर सीट से विधायक रहे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुहेलदेव भारत समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक रहे अब्बास अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जस्टिस समीर जैन की सिंगल डिविजन बेंच ने अपना निर्णय सुनाया। न्यायालय ने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ द्वारा सुनायी गयी दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो जाएगी। माना जा रहा है कि इस निर्णय के बाद अब मऊ सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की तरफ से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पक्ष रखा था। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने भी दलील पेश की थीं। यूपी सरकार के अधिवक्ताओं ने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ के निर्णय पर रोक लगाने का विरोध किया। उल्लेखनीय है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने एक जनसभा के दौरान भड़काऊ भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में अफसरों के हिसाब-किताब करने की बात कही थी।
अब्बास के इस बयान के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी। इस मामले पर 31 मई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ ने अपना निर्णय सुनाते हुए अब्बास को दो साल की सजा और तीन हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। कोर्ट के निर्णय के आने के अगले ही दिन एक जून को विधानसभा सचिवालय ने मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया। एमपी-एमएलए कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अब्बास अंसारी जिला अदालत गए। जहां उन्हें निराशा हाथ लगी। कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद आज अब्बास अंसारी को राहत दी है।
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