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उत्तर प्रदेश की 26,215 दिव्यांग छात्राओं को मिलेंगा प्रतिमाह स्टाइपेंड, जानें राशि
UP News: प्रदेश सरकार योजना को डीबीटी के माध्यम से लागू करेंगी। उससे सुनिश्चित होगा कि सहायता राशि बिना कोई बिचौलिए के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। यह राशि छात्राओं के माता-पिता और अभिभावकों के बैंक खातों में भी भेजी जा सकती है।
Disabled girl scholarship in UP (Photo: Social Media)
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाली 26,215 दिव्यांग छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। इन छात्राओं को समग्र शिक्षा अभियान के तहत 200 माह का स्टाइपेंड मिलेगा। यह वित्तीय सहायता 10 माह की अवधि के लिए प्रदान की जाएगी। उसके लिए शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) ने 5.24 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। इस कदम का उद्देश्य दिव्यांग बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना और सशक्त बनाना है।
स्टाइपेंड की पात्रता व सत्यापन प्रक्रिया
प्रदेश सरकार योजना को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से लागू कर रही है। उससे सुनिश्चित होगा कि सहायता राशि बिना कोई बिचौलिए के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। यह राशि छात्राओं के माता-पिता और अभिभावकों के बैंक खातों में भी भेजी जा सकती है, इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इस स्टाइपेंड योजना का लाभ परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक में पढ़ने वाली दिव्यांग छात्राओं को मिलेगा।
40 प्रतिशत का दिव्यांगता प्रमाणपत्र
जिनके पास सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी न्यूनतम 40 प्रतिशत का दिव्यांगता प्रमाणपत्र होगा। इस योजना की पारदर्शिता और सुचारु क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जिले में एक चार सदस्यीय समिति का गठन होगा। यह समिति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करेगी और वित्त तथा अन्य विभागीय अधिकारी शामिल होंगे। इस समिति का कार्य पात्रता की जांच और सत्यापन करना है। इसके सत्यापन के बाद लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार कर सत्यापित की जाएगी।
शिक्षा और सशक्तिकरण की राह
पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। हर हाल में सरकार ने 30 सितंबर तक भुगतान प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इस पहल को बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण है। यह स्टाइपेंड दिव्यांग बेटियों के लिए सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा में समान अवसर, गरिमा और संवेदनशील शासन व्यवस्था का परिचायक है।
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