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Jhansi News: अब दुर्घटनाग्रस्त रेलवे ट्रैक पर तत्काल सहायता पहुंचाएगी आरसीआरवी

Jhansi News: यह अनोखा वाहन टाटा योद्धा मॉडल पर आधारित है। इसमें बदलाव करते इसे सड़क और रेलवे ट्रैक दोनों पर चलाने लायक बनाया गया है। इसमें आगे 250 एमएम के दो लोहे के पहिये और पीछे 750 एमएम के दो लोहे के पहिये लगे हैं।

Gaurav kushwaha
Published on: 8 July 2025 5:52 PM IST
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Jhansi News: अब रेल ट्रैक पर अगर कोई दुर्घटना होती है तो तत्काल सहायता रेलवे विभाग पहुंचाएगा। यह अब संभव हो सका है आरसीआरवी यानि रोड कम रेल व्हीकल वाहन से। अगर रेलवे ट्रैक पर कोई दुर्घटना होती है तो यह वाहन सूचना के कुछ ही देर में पहुंचकर सहायता पहुंचाएगा। इस वाहन से रेल पटरियों का निरीक्षण औऱ रखरखाव बेहतर होगा। इससे रेल यात्रा और भी सुक्षित हो जाएगी।

ट्रैक की निगरानी और रखरखाव में मिलेगी मदद

यह अनोखा वाहन टाटा योद्धा मॉडल पर आधारित है। इसमें बदलाव करते इसे सड़क और रेलवे ट्रैक दोनों पर चलाने लायक बनाया गया है। इसमें आगे 250 एमएम के दो लोहे के पहिये और पीछे 750 एमएम के दो लोहे के पहिये लगे हैं। इससे यह सड़क और रेल पटरी दोनों पर आसानी से चल सकता है। आरसीआरवी में तीन कैमरे भी लगे हैं, जो 15 दिनों तक लगातार ट्रैक की रिकॉर्डिंग कर सकते हैं। इससे ट्रैक की निगरानी और रखरखाव में मदद मिलेगी।

इस वाहन की यह रहेगी उपयोगिता

आरसीआरवी की सबसे महत्वपूर्ण उपयोगिता दुर्घटना के समय होगी। अगर किसी तकनीकी खराबी या किसी अन्य आपात स्थिति के कारण ट्रेन किसी सुनसान जगह पर फंस जाती है, तो इस वाहन के माध्यम से सड़क और रेल मार्ग के माध्यम से कम से कम समय में राहत पहुंचाई जा सकती है। कोच के ब्रेक के साथ छह सौ टन और कोच ब्रेक के बिना 150 टन की ढुलाई क्षमता के साथ, वाहन कोच को धकेलने या खींचने में समम है। इसके अलावा, इस वाहन का इस्तेमाल आपाताकालीन स्थिति में फायर टेंडर या एम्बुलेंस के रुप में भी किया जा सकता है। इस वाहन में 40 लीटर का पानी का टैंक लगा हुआ है जो कॉमर्शियल फायर टेंडर के बराबर दबाव में पानी निकाल सकता है। डीजल से चलने वाली आरसीआरवी में जनरेटर, इन्वर्टर, वॉश बेसिन, रिवॉल्विंग चेयर, इंटरकॉम सिस्टम, ट्यूब लाइट, स्विच बोर्ड और पंखे भी लगे हैं जो इसके इंटीरियर को शानदार लुक देते हैं।

वाहन का बाहरी स्वरुप ट्रैक जैसा है

स्टील के पहिये, जिनके माध्यम से यह पटरी पर चल सकता है, हाइड्रोलिक प्रणाली के माध्यम से फिट किए गए हैं और एक छोटे बटन के माध्यम से इसे चालू किया जा सकता है।

चिरगांव रेलवे स्टेशन पर किया गया ट्रायल

तीन लाख लागत का यह वाहन तत्काल दुर्घटना रेल ट्रैक पर पहुंचेगा। जहां रोड होगी वहां वाया रोड और जहां ट्रैक होगा ट्रैक से वाहन पहुंचेगा। चिरगंव रेलवे स्टेशन के पास आरसीआरवी वाहन की ट्रायल भी कराया। इस वाहन का इस्तेमाल दुर्घटना या अन्य किसी आपात स्थिति में उस स्थान तक रेल उपकरणों तथा अन्य सहायता उपकरणों की आपूर्ति करेगा। झांसी मंडल में एकमात्र आरसीआरवी वाहन संचालित हैं जो कहीं भी सूचना पर पहुंचेगा।

क्या बोले पीआरओ

इस संबंध में झांसी रेल मंडल के पीआरओ मनोज कुमार सिंह के मुताबिक रोड कम रेल व्हीकल रेलवे ट्रैक पर जहां कहीं भी दुर्घटना होगी वहां पर यह वाहन सूचना पर तत्काल सहायता पहुंचाएगा। इसका ट्रायल पहली बार चिरगांव रेलवे सेक्शन में किया गया है।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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