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बारूद के ढेर पर टिका था पूरा बेहटा... एक धमाके से उड़ जाता पूरा गांव, छापेमारी में विस्फोटक बरामद
Lucknow News: लखनऊ के बेहटा गांव में हुए भीषण धमाके के बाद खुला पटाखा माफियाओं का राज, छापेमारी में 3,000 किलो से ज्यादा विस्फोटक बरामद
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Lucknow News: लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र से बेहटा गांव में हुए धमाके ने पूरे लखनऊ के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की जड़े दिला दी थी उस धमाके के साथ विस्फोटक पदार्थों की बिक्री और अवैध रूप से चल रही पटाख फैक्ट्रियों को लेकर दिखाई जा रही लखनऊ पुलिस की गंभीरता भी सामने आ गयी। हादसे के बाद तेजी से हो रही छापेमारी के बीच हो रही जांच में ये खुलासा हुआ है कि बेहटा गांव में पटाखा कारोबार अवैध तरीके से सालों से फल-फूल रहा था। पुलिस की ओर से तेजी से हो रही छापेमारी में अब तक 3 हजार किलो से अधिक बारूद के अलावा देसी पटाखे और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है। बरामद हुए बारूद की मात्रा इतनी अधिक है कि यदि एक साथ विस्फोट हो जाता तो पूरा का पूरा गांव जमींदोज हो जाता। इसके साथ ही जांच में सामने आया है कि 200 से अधिक पटाखा कारोबारियों में सिर्फ दो के पास लाइसेंस मिला, बाकी सब अवैध धंधे में शामिल पाए गए।
धमाके में 3 की हुई मौत, गांव में बड़े पैमाने पर हो रहा था पटाखों का निर्माण
आपको बता दें कि गुडंबा इलाके के बेहटा गांव में 31 अगस्त को हुए धमाके में आलम, उसकी पत्नी और बेटे की मौत ने प्रशासन की नींद तोड़ दी। धमाका इतना भयानक था कि उस धमाके की गूंज तीन किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी और चार घरों की दीवारें ढह गईं। धमाके के बाद शुरू हुई जांच में सामने आया कि गांव में दशकों से पटाखों का अवैध कारोबार हो रहा था। यहां न सिर्फ पटाखों की बिक्री बल्कि बड़े पैमाने पर निर्माण भी किया जा रहा था। मृतक आलम के घर की तरह कई घर और गोदाम विस्फोटक के गोदाम बन चुके थे। पुलिस कार्रवाई के बाद यह साफ हो गया कि यह महज एक हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही और अवैध कारोबार की बड़ी साजिश थी।
पुलिस की छापेमारी हुई तेज, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद
धमाके के बाद गुडंबा पुलिस ने बीडीडीएस और अन्य टीमों के साथ मिलकर गांव में छापेमारी शुरू की। घटना के बाद से लगातार गांव के अलग अलग स्पॉट्स पर हो रही छापेमारी के दौरान गड्ढों, खेतों और गोदामों से करीब 3 हजार किलो से अधिक विस्फोटक बरामद हुआ। इसमें बारूद, देसी सुतली बम, बुरादा और पटाखा बनाने की सामग्री शामिल थी। पुलिस ने बताया कि गांव के अली अहमद उर्फ टीनू, याकूब उर्फ घपलू, बशीर उर्फ शेरू, नसीम, अफजल और अली अकबर के ठिकानों से छापेमारी में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया। पुलिस ने कहा कि जिन दो कारोबारियों के पास लाइसेंस था, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी और उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। प्रशासन ने साफ किया कि आगे किसी को नया लाइसेंस भी नहीं मिलेगा।
कारोबारियों का पलायन और मौत के गोदाम
छापेमारी की भनक लगते ही कारोबारी रातभर बारूद और पटाखे बोरी में भरकर तालाब और खेतों में फेंकते नजर आए। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि महिलाएं और पुरुष घर-घर से सामान निकालकर छिपा रहे थे। कई कारोबारी गांव से फरार हो गए, जिससे गांव में दहशत का माहौल है। FIR दर्ज कर पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। इस खुलासे ने साबित कर दिया कि बेहटा गांव पटाखा माफियाओं का अड्डा बन चुका था। यहां चल रहे मौत के गोदाम न सिर्फ गांव बल्कि पूरे शहर के लिए खतरा बने हुए थे। पुलिस की कार्रवाई ने बड़ी तबाही को टाल दिया, लेकिन यह भी दिखा दिया कि अवैध कारोबार किस हद तक जड़ें जमा चुका था।
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