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Lucknow News: रिटायरमेंट तीन दिन बाद, आज बर्खास्त

Lucknow News: केजीएमयू डॉ. आमोद कुमार सचान को ​रिटायरमेंट से तीन दिन पहले बर्खास्त कर दिया गया है। प्राइवेट प्रैक्टिस, निजी संस्था से लाभ कमाने के आरोप हैं ।

Shubham Pratap Singh
Published on: 12 July 2025 9:13 PM IST
Lucknow News: रिटायरमेंट तीन दिन बाद, आज बर्खास्त
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Lucknow News: केजीएमयू फार्माकोलॉजी विभाग के निलंबित चल रहे डॉ. आमोद कुमार सचान को ​रिटायरमेंट से तीन दिन पहले बर्खास्त कर दिया गया है। प्राइवेट प्रैक्टिस, निजी संस्था से लाभ कमाने और विभिन्न संस्था के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर होने के आरोपों में उनके उपर यह कार्रवाई की गई है। शनिवार को यह फैसला केजीएमयू की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया। यह पहली बार है की केजीएमयू के किसी डॉक्टर को प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में बर्खास्त किया गया है। मामले की जांच करीब डेढ़ साल से जांच ही चल रही है।

कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक

कुलपति कार्यालय के बोर्ड रूम में शनिवार को कार्यपरिषद की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद की अध्यक्षता में हुई। बैठक में डॉ. आमोद सचान का मामला रखा गया। प्राइवेट प्रैक्टिस समेत दूसरे आरोपों को रखा गया। डॉ. सचान के जवाब से कार्यपरिषद संतुष्ट नहीं हुई। लिहाजा कार्यपरिषद ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया।

आठ दिन में फैसला

चार जुलाई को कार्यपरिषद की इमरजेंसी बैठक हुई थी। इसमें उन्हें 180 पेज की नोटिस दिया गया। छह दिन में नोटिस का जवाब देना था। लेकिन, उन्होंने जवाब देने के लिए और समय मांगा। इसके बाद 10 जुलाई को फिर इमरजेंसी कार्यपरिषद की बैठक हुई। इसमें अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया गया।

प्रैक्टिस के आरोपी पहले भी

केजीएमयू के इतिहास में पहली बार किसी डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों में कार्रवाई हुई है। इससे पहले पूर्व कुलपति डॉ. सरोज चूड़ामणि गोपाल के समय में भी प्राइवेट प्रैक्टिस का मामला उठा था। केजीएमयू प्रशासन ने वीडियोग्राफी कराई। जिसमें कई डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए कैद हुए थे। कई विधायकों आदि ने ससाक्ष्य शिकायतें भी की। लेकिन किसी के खिलाफ प्राइवेट प्रेक्टिस के प्रकरण में दण्डात्मक कार्रवाई नहीं हुई। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के कार्यकाल में भी कई डॉक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे। सभी डाक्टरों से प्राइवेट प्रेक्टिस में लिप्त न रहने के शपथ-पत्र भी लिए गए। वर्ष 2023 में केजीएमयू में एक विभाग के अध्यक्ष प्राइवेट प्रैक्टिस के फेर में फंस गए। निजी अस्पताल में इलाज के बाद मरीज की मौत के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस का राज खुला था। पीड़ित परिवारीजनों ने शिकायत व सुबूत केजीएमयू प्रशासन को मुहैया कराया। केजीएमयू प्रशासन ने जांच कराई। जांच के बाद कार्यपरिषद ने डॉक्टर को आरोप पत्र देने का फैसला दिया। आरोप पत्र देने के बाद विभागाध्यक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह एक और विभाग के अध्यक्ष पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे। जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है।

मेरे विरुद्ध दर्ज की गई यह शिकायत पूर्णतः झूठी

डॉ. आमोद कुमार सचान ने इस मामले पर कहा कि मेरे उपर लगाए गए आरोप निराधार और मनगढ़ंत है। यह कार्रवाई रिटायरमेंट से तीन दिन पहले केवल मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने, व्यक्तिगत एवं पेशेवर गरिमा को ठेस पहुंचाने के मकसद से की गई है। यह कृत्य एक दूषित मानसिकता और दुर्भावनापूर्ण इरादों से प्रेरित है। जिसका उद्देश्य केवल मुझे बदनाम करना और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना है। मैं समाज को यह भी बताना चाहता हूं कि केजीएमयू से मेरा जुड़ाव हमेशा शिक्षण और सेवा के प्रति गहरी निष्ठा पर आधारित रहा है। मैंने फार्माकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। अपने कार्यकाल के दौरान अनेक नवाचारी एवं प्रभावशाली पहलें शुरू की। इनमें प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट, फार्माकोविजिलेंस सेंटर की स्थापना व डीएम फार्माकोलॉजी पाठ्यक्रम शामिल है। मैंने अपने जीवन के अमूल्य 23 वर्ष संस्थान को समर्पित किए हैं।

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