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PGI News: यूपी की पहली पूर्ण स्वचालित लैब शुरू: घंटे भर में चार हज़ार जांच की क्षमता !
Lucknow News: पीजीआई में प्रतिदिन हजारों रोगियों के लिए शीघ्र व अधिक सटीक परीक्षण परिणाम के लिए पीजीआई ने अपने पैथोलॉजी विभाग में उत्तर प्रदेश की पहली पूर्ण स्वचालित प्रयोगशाला की शुरूआत कर दी है।
UP First Automated Lab Started In SGPGI
Lucknow News: राजधानी के एसजीपीजीआई में रोजाना हजारों में मरीजों की संख्या इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में इन मरीजों की जांच की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। जिसके लिए अब संस्थान ने प्रतिदिन हजारों रोगियों के लिए शीघ्र व अधिक सटीक परीक्षण परिणाम के लिए पीजीआई ने अपने पैथोलॉजी विभाग के (क्लिनिकल केमिस्ट्री अनुभाग) में उत्तर प्रदेश की पहली पूर्ण स्वचालित प्रयोगशाला का उद्घाटन कर शुरूआत कर दी है। आपको बता दें कि यह तकनीक पूरे देश में बहोत कम अस्पतालों की प्रयोगशालाओं में मौजूद है।
टोटल लैब ऑटोमेशन
पीजीआई के पैथोलॉजी में लगाई गई नई मशीन टोटल लैब ऑटोमेशन द्वारा संचालित होगी। इसे प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी, बेकमैन कूल्टर द्वारा विकसित किया गया है। इससे मरीजों को फायदा होगा रिपोर्ट के लिए इंजार की समय सीमा कम होगी।
पहले मैनुअल प्रक्रिया करनी पड़ती थी
नई मशीन लगाए जाने से पहले लैब तकनीशियनों को नमूने खुद तैयार करना पड़ता था। उन्हें छांटने और परीक्षण करने पड़ते थे जिसमें काफी समय लग जाता था। इसमें कई बार त्रुटियों की सम्भावना भी बढ़ जाती थी। लेकिन, अब यह अधिकांश काम रोबोट और मशीनों द्वारा किया जाता है। जिससे अधिक सटीकता के साथ शीघ्र परिणाम सुनिश्चित होते हैं।
एक घंटे में चार हजार से ज्यादा रिपोर्ट की क्षमता
एसजीपीजीआई के निदेशक पद्मश्री प्रो. राधा कृष्ण धीमन के ने बताया कि नई ऑटोमेशन मशीन लगने से अब मरीजों को रिपोर्ट के लिए होने वाली समस्या कम होगी। यह मशीन एक घंटे में चार हजार से ज्यादा बायोकेमिस्ट्री की जांच करने की क्षमता रखेगी। इस अपग्रेडेशन का उद्देश्य रोगी देखभाल में सुधार लाना है। अब मरीजों को जांच रिपोर्ट के लिए संस्थान का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। उन्हें जांच कराने के कुछ ही घंटों में रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। दूरदराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों का इससे बहोत समय बच जाएगा। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे रोगियों को सही समय पर सही निदान मिले।
नई प्रयोगशाला से मरीजों को सीधे लाभ
शीघ्र टेस्ट रिपोर्ट: टेस्ट के नतीजों का इंतज़ार कम होने से अब मरीजों के इलाज शुरू करने में डॉक्टरों को मदद मिलेगी। उन्हें इसके लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा।
पहले से अधिक सटीक परिणाम: पहले मैनुअल प्रक्रिया के चलते सटीक परिणाम में समस्या होती थी। लेकिन, अब इसकी संभावना कम होगी। इस नई मशीन के परिणाम अधिक विश्वसनीय और सटीक होंगे। जिससे मरीजों की एक ही जांच बार बार कराने की जरूरत न बराबर हो जाएगी।
अधिक केंद्रित विशेषज्ञ: मशीनों द्वारा बार-बार दोहराए जाने वाले कार्यों को संभालने के साथ, प्रयोगशाला विशेषज्ञ अब अधिक जटिल परीक्षणों और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
प्रदेश की पहला प्रयोगशाला
पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज जैन ने बताया कि यह उत्तर प्रदेश की पहली और भारत की सबसे उन्नत प्रयोगशालाओं में से एक है। डॉक्टर राघवेंद्र के नेतृत्व से यह बदलाव सम्भव हो सका है।
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