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UP-MP के बीच पर्यटन सहयोग को मिली नई उड़ान ! गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से जुड़ेगा धर्म और पर्यटन, होमस्टे से लेकर लग्ज़री रिसॉर्ट्स तक, एमपी में सबकुछ

UP-MP Tourism: एमपी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक स्थल, यूनेस्को धरोहरें, और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई।

Virat Sharma
Published on: 25 Jun 2025 9:21 PM IST
Lucknow News
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UP-MP tourism Program in Lucknow

UP-MP Tourism Meet: मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा बुधवार को होटल ताज, लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल उद्योग के हितधारकों के बीच साझेदारी और संवाद को प्रोत्साहित करना था। यह आयोजन आगामी एमपी ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के अंतर्गत हुआ।

इस मौके पर मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी, और पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने मंच साझा किया।

राज्य की तरक्की में पर्यटन क्रांति की अहम भूमिका: डिप्टी सीएम

इस विशेष मौके पर एमपी के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि औद्योगिक और हरित क्रांति की तरह यदि किसी राज्य में पर्यटन क्रांति आ जाए, तो उसका समग्र विकास संभव होता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधोसंरचना, निजी निवेश और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर विशेष बल दिया जा रहा है। इन प्रयासों से मध्य प्रदेश अब निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

पर्यटन देश की आर्थिक रीढ़: लोधी

राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन उद्योग आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती आर्थिक गतिविधियों में से एक है। मध्य प्रदेश प्राकृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विविधता से समृद्ध है और इसी के चलते राज्य सरकार पर्यटन अधोसंरचनाओं के विकास पर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी स्टेकहोल्डर्स को एमपी में निवेश और साझेदारी के लिए आमंत्रित किया।




गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से जुड़ेगा धर्म और पर्यटन

पर्यटन सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाली गंगा-नर्मदा कॉरिडोर परियोजना धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर जैसे स्थलों को जोड़कर यह गलियारा धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व अनुभव उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि एमपी अब सिर्फ यात्रा का स्थान नहीं, बल्कि अनुभव का केंद्र बन चुका है, जहां परंपरा, संस्कृति, प्रकृति और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

साझेदारी और संभावनाओं पर हितधारकों का संवाद

कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल एजेंट्स, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों के बीच व्यावसायिक संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ। यह सत्र क्षेत्रीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन विकास के नजरिए से भी अहम रहा।

मध्य प्रदेश की विरासत और प्राकृतिक धरोहरों की हुई प्रस्तुति

इस दौरान एमपी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक स्थल, यूनेस्को धरोहरें, और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई। बताया गया कि साल 2024 में अब तक 13.41 करोड़ पर्यटक राज्य में आ चुके हैं। खजुराहो, सांची, भीमबेटका, अमरकंटक, पचमढ़ी जैसे स्थल विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा अब पहले से आसान

लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज जैसे शहर अब भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर से हवाई, रेल और सड़क मार्गों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के चलते उत्तर प्रदेश के पर्यटक अब मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों तक कम समय और अधिक सुविधा के साथ पहुंच सकते हैं।

होमस्टे से लेकर लग्ज़री रिसॉर्ट्स तक, एमपी में सबकुछ

राज्य में पर्यटकों के लिए हर स्तर की आवासीय सुविधा उपलब्ध है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे शहरों में ताज, मैरियट, रेडिसन जैसे प्रतिष्ठित होटल हैं। साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होमस्टे स्कीम भी चल रही है। हेरिटेज होटलों में ठहरने का शाही अनुभव भी पर्यटकों को खूब भा रहा है।

निवेश के लिए तैयार है एमपी का पर्यटन क्षेत्र

मध्य प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने हेतु अनुकूल माहौल और पारदर्शी प्रक्रिया प्रदान करती है। भूमि आवंटन, टैक्स में रियायत, और निवेश अनुकूल स्कीमें इसके तहत उपलब्ध हैं। ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश पर सरकार विशेष प्रावधानों के तहत भूमि भी आवंटित कर सकती है।

फिल्म पर्यटन को भी मिल रही बढ़ावा

मध्य प्रदेश को अब फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है। राज्य सरकार ने फिल्म अनुमति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) की स्थापना की है। अब तक 350 से अधिक फिल्मों की शूटिंग एमपी में हो चुकी है, जिससे राज्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुंदरता वैश्विक मंच पर आ रही है।

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Lucknow Reporter

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