यूपी में TET एग्जाम के खौफ ने ली शिक्षक की जान! फांसी लगाकर किया सुसाइड

Mahoba News: यूपी में TET एग्जाम के डर से शिक्षक ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।

Sonal Verma
Published on: 9 Sept 2025 6:15 PM IST
School Principal committed suicide due to fear of TET exam in Mahoba Uttar Pradesh
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School Principal committed suicide due to fear of TET exam in Mahoba Uttar Pradesh  

Mahoba News: यूपी के महोबा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने TET एग्जाम (TET Exam Mandatory) के खौफ के चलते फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 से 8 तक से शिक्षकों को नौकरी जारी रखने और प्रमोशन के लिए TET एग्जाम पास करने के फैसले के बाद से उत्तर प्रदेश के महोबा में उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज कुमार काफी परेशान थे। वह हर किसी से टीईटी एग्जाम के बारे में पूंछते रहते थे। इस एग्जाम को लेकर उनको इतना तनाव हुआ किया उन्होंने एग्जाम के डर से अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया है।

हालांकि , इस मामले पर BSA राहुल मिश्रा का कहना है कि, "उनकी कुछ घरेलू समस्या रही होगी। TET एग्जाम के लिए अभी शासनादेश और नियमावली नहीं आयी है। कुछ लोग टीईटी को बीच में लाकर बिना वजह मामले को तूल दे रहे हैं।"

दो माह पहले ही समायोजन में हुयी थी तैनाती

जानकारी के मुताबिक, जनपद मुख्यालय के मुहाल गांधीनगर निवासी मनोज (51)उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रेम नगर में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थे। जहां दो माह पहले ही समायोजन में तैनाती हुई थी। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह शिक्षक की पत्नी और बच्चे अपने काम में व्यस्त थे तभी मौका पाकर उन्होंने घर की दूसरी मंजिल में बने कमरे में फांसी लगा ली। कुछ देर बाद पत्नी ने ऊपर जाकर पति को फंदे से लटकता देखा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। चीख पुकार सुन मौके पर पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शिक्षक को फांसी से उतारकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सक ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिजन बेहाल हैं।

जिला अध्यक्ष रमाकांत मिश्रा ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष रमाकांत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि, "सरकार के द्वारा शिक्षकों के लिए जब से टीईटी की अनिवार्यता की गई है तब से मृतक परेशान था। उन्हें 1992-93 में मृतक आश्रित में नियुक्ति मिली थी। वह कुछ दिनों से टीईटी परीक्षा कैसे पास होगी इसी विषय में बात कर परेशान रहते थे।"

50 हजार से अधिक कार्यरत शिक्षकों के पास टीईटी में बैठने की न्यूनतम योग्यता नहीं

TET में आवेदन करने का नियम स्पष्ट है कि इसके लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक के साथ बीटीसी और स्नातक में कम से कम 45 प्रतिशत अंक होने चाहिए। शिक्षक संगठनों का दावा है कि 50 हजार से अधिक कार्यरत शिक्षकों के पास टीईटी में बैठने की न्यूनतम योग्यता ही नहीं है। इस पूरे मामले पर शिक्षक संगठन सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील कर रहा है।

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