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Saharanpur News; सहारनपुर से गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल: मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे हैं कांवड़ियों की ड्रेस, भोलेनाथ की सेवा को मानते हैं सौभाग्य
Saharanpur News; मुस्लिम कारीगर सावन महीने में कांवड़ यात्रा के लिए महादेव भक्तों की ड्रेस तैयार कर रहे हैं। इन कपड़ों की मांग उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों में है।
Saharnpur News; उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से सांप्रदायिक सौहार्द और गंगा-जमुनी तहज़ीब की एक खूबसूरत मिसाल सामने आई है। यहां मुस्लिम कारीगर सावन महीने में कांवड़ यात्रा के लिए महादेव भक्तों की ड्रेस तैयार कर रहे हैं। इन कपड़ों की मांग उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों में है। वर्षों से यह कार्य कर रहे कारीगर इसे केवल व्यापार नहीं, बल्कि ‘भोलेनाथ की सेवा’ मानते हैं।
मुस्लिम कारीगर बना रहे हैं ‘हर हर महादेव’ की ड्रेसें
सहारनपुर निवासी कारीगर फरमान अहमद की होजरी फैक्ट्री में सावन के लिए कांवड़ियों की ड्रेस बनाई जा रही है। फरमान बताते हैं,
“हम पिछले 12 साल से लगातार महाकाल ड्रेस और कांवड़ ड्रेस बना रहे हैं। लगभग 12 रंगों में यह ड्रेस तैयार की जाती हैं और डिमांड हर साल बढ़ती जा रही है। चार राज्यों में हमारी समिति माल सप्लाई करती है। मैं मुस्लिम हूं, लेकिन मुझे यह काम बेहद प्रिय है। यह भोलेनाथ की सेवा है। आज तक किसी ने फतवा नहीं दिया और न ही आपत्ति की।”
कटिंग से पैकिंग तक मुस्लिम हाथों से होता है सब
कारीगर वाजिद ने बताया कि ड्रेस की कटिंग, सिलाई और पैकिंग का काम पूरी तरह मुस्लिम कारीगरों द्वारा किया जा रहा है।
“इस वक्त हजारों की संख्या में रोज़ माल तैयार कर रहे हैं। हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान महाकाल ड्रेस की जबरदस्त डिमांड रहती है।”
सांप्रदायिक सौहार्द का सच्चा उदाहरण
यह दृश्य न सिर्फ सामाजिक एकता की बेमिसाल मिसाल है, बल्कि यह बताता है कि मजहब दीवार नहीं, पुल भी बन सकता है। जब श्रद्धा, मेहनत और सद्भाव मिलते हैं, तो धर्म की सीमाएं मिट जाती हैं।
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