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संभल में सैकड़ों साल पुराना कुआं अतिक्रमण से हुआ आज़ाद, गांव वालो में खुशी की लहर
सदीरनपुर के प्राचीन कुएं को अतिक्रमण मुक्त कर फिर से जनता के उपयोग के लिए खोला गया।
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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले की तहसील क्षेत्र के गांव सदीरनपुर में प्रशासन ने एक सराहनीय पहल करते हुए सैकड़ों साल पुराने प्राचीन कुएं को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। गांव वालो की लापरवाही और अनदेखी के चलते यह कुआं कूड़े और गंदगी से ढ़क दिया गया था। समय के साथ इसका अस्तित्व लगभग मिट चुका था, लेकिन प्रशासन की सख्ती ने इस धरोहर को फिर से पहचान दिलाई है। मिली जानकारी के अनुसार, तहसील प्रशासन की टीम ने गांव में पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। बुलडोज़र से कुएं के आसपास किए गए अवैध कब्ज़े और भराव को ध्वस्त किया गया।
कुआं जनता के हित और सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध रहेगा
देखते ही देखते वह कुआं, जो सालों से कूड़े के ढेर में दबा था, एक बार फिर साफ सुधरा दिखाई देने लगा। प्रशासन का कहना है कि अब यह कुआं जनता के हित और सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध रहेगा। SDM ने मीडिया से बातचीत में बताया कि संभल प्रशासन लगातार तीर्थ स्थलों, प्राचीन कुओं और कूपों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम कर रहा है। उनका कहना था कि यह प्रयास न केवल सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने की दिशा में है, बल्कि स्थानीय लोगों को स्वच्छ जल स्रोत और सामुदायिक उपयोग की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी किया जा रहा है।
कुआं कभी गांव की जीवनरेखा हुआ करता था
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि यह कुआं कभी गांव की जीवनरेखा हुआ करता था। यहां से लोग पीने और घरेलू उपयोग के लिए पानी ले जाया करते थे। समय के साथ जब नए जलस्रोत बने तो लोगों ने इसे अनदेखा कर दिया और धीरे-धीरे यह कूड़े का ढेर बन गया। ग्रामीणों ने प्रशासन की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि अब गांव का पुराना गौरव लौटेगा और आने वाली पीढ़ियां इस धरोहर को जान सकेंगी।तहसील प्रशासन की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति हो तो सांस्कृतिक धरोहरों और ऐतिहासिक प्रतीकों को बचाया जा सकता है। सदीरनपुर का यह कुआं अब सिर्फ जल स्रोत नहीं, बल्कि अतीत से जुड़ी एक जीवंत निशानी बनकर लोगों के सामने खड़ा है।
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