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Shravasti News: कृषि विभाग का ओवररेटिंग पर शिकंजा, 38 दुकानों पर छापे, एक किसान सेवा केंद्र निलंबित
Shravasti News: जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के निर्देश पर, शुक्रवार को कृषि विभाग ने जिलेभर में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया।
कृषि विभाग का ओवररेटिंग पर शिकंजा (photo: social media )
Shravasti News: तराई क्षेत्र में बारिश का मौसम आते ही जहाँ एक ओर सब्जियों, दूध और राशन जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने उर्वरक बिक्री में ओवररेटिंग और कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के निर्देश पर, शुक्रवार को कृषि विभाग ने जिलेभर में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया।
इस अभियान के तहत, उर्वरक निरीक्षकों की तीनों तहसीलों में टीमें गठित कर जनपद में कुल 38 दुकानों पर छापे डाले गए। इस दौरान 5 उर्वरक नमूने संग्रहित किए गए, और 18 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। इसके अतिरिक्त, विकासखंड जमुनहा के अंतर्गत मल्हीपुर में स्थित किसान सेवा केंद्र को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है, जो ओवररेटिंग के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई को दर्शाता है।
जिला कृषि अधिकारी अनिल प्रसाद मिश्र और अपर जिला कृषि अधिकारी ने भी अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान 4 उर्वरक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया, जिसमें से 1 उर्वरक प्रतिष्ठान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
निरीक्षण और छापेमारी की यह कार्रवाई लगातार जारी
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण और छापेमारी की यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ ओवररेटिंग, कालाबाजारी, या टैगिंग से संबंधित कोई भी प्रकरण संज्ञान में आता है, उनके विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने सूचित किया कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। सभी किसान भाई बी-पैक्स समिति या निजी विक्रेता के प्रतिष्ठानों पर जाकर उचित दर पर उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी ने किसान भाइयों से अपील की है कि वे अपनी आवश्यकतानुसार ही उर्वरक का क्रय करें और अनावश्यक भंडारण से बचें।
ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए आवेदन जल्द
उप कृषि निदेशक सुरेन्द्र चंद्र चौधरी ने बताया है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यक्रम 2025-26 के अंतर्गत ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना कराई जानी है। यह पहल किसानों को उनकी भूमि के स्वास्थ्य को समझने और बेहतर फसल उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का आकलन करने में मदद करेगी।
वर्ष 2025-26 में जनपद श्रावस्ती में कुल दो ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इन प्रयोगशालाओं की स्थापना से स्थानीय स्तर पर ही किसानों को मिट्टी की जाँच की सुविधा मिल सकेगी, जिससे उन्हें अपनी फसल के लिए सही उर्वरकों का चयन करने में मदद मिलेगी और अनावश्यक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से बचा जा सकेगा।
इन प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए इच्छुक लाभार्थी किसानों को प्रदेश के कृषि विभाग की वेबसाइट https://agridarshan.up.gov.in पर बुकिंग शुरू होने पर आवेदन करना होगा। लाभार्थी का चयन जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी, जिससे योग्य किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल सके। यह कदम कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा।
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