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Lucknow News: शुभांशु शुक्ला के स्कूल में ऐतिहासिक लैंडिंग का जश्न ! अंतरिक्ष यान की धरती पर वापसी ने सभी को किया भावुक
स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ, पूरा ऑडिटोरियम खुशी से झूम उठा।
Lucknow News: Photo-News Track
Shubanshu Shukla space x crew: राजधानी के सीएमएस कानपुर रोड ऑडिटोरियम में मंगलवार शाम एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए सैकड़ों छात्र, शिक्षक, अतिथियों और शुभांशु शुक्ला के परिवारजन एकत्रित हुए। जैसे ही स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ, पूरा ऑडिटोरियम खुशी से झूम उठा। लैंडिंग के क्षण में भारत माता की जय के नारे और तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गूंज उठा।
शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को फाल्कन-9 रॉकेट से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी और 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ गए थे। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 18 दिन बिताए, 310 से अधिक कक्षाएँ पूरी कीं और करीब 1.3 करोड़ किमी की दूरी तय की। इस मिशन के दौरान उन्होंने इसरो द्वारा सौंपे गए सात महत्वपूर्ण सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोगों को सफलता पूर्वक अंजाम दिया, जिनमें मांसपेशी पुनर्जनन, बीज अंकुरण, शैवाल संवर्धन, विकिरण प्रभाव आदि प्रमुख थे। ये प्रयोग भारत के आगामी गगनयान कार्यक्रम के लिए बेहद अहम हैं।
सीएमएस में उत्सव का माहौल
जैसे ही शुभांशु के अंतरिक्ष यान ने पानी में लैंड किया, सीएमएस प्रबंधन और उनके परिवार ने मिलकर एक त्रि-स्तरीय केक काटा। इस केक के तीन स्तर लांच, आईएसएस पर प्रवास और धरती पर वापसी के प्रतीक थे। इस दौरान पूरे ऑडिटोरियम में तालियों की गड़गड़ाहट और खुशी के आंसू थे।
शुभांशु के पिता का आभार और सीएमएस प्रबंधन की सराहना
इस दौरान भावुक होते हुए शुभांशु के पिता शम्भू दयाल शुक्ल ने कहा कि यह उपलब्धि भारतवासियों के सामूहिक विश्वास का परिणाम है। वहीं सीएमएस की प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने इस सफलता को छात्रों के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि शुभांशु की सफलता ने हमारे छात्रों की कल्पनाशक्ति को पंख दिए हैं। वह सीएमएस के आदर्श वाक्य ‘जय जगत’ का जीवंत उदाहरण हैं।
शुभांशु की सफलता ने छात्रों में नया आत्मविश्वास जागृत किया
लखनऊ के सीएमएस अलीगंज कैम्पस में जहां शुभांशु ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी, वहां के छात्र भी बेहद प्रेरित दिखे। कक्षा 9 की छात्रा अनन्या मिश्रा ने कहा कि अब मैं भी अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हूँ। अगर वह कर सकते हैं, तो मैं भी कर सकती हूँ। कक्षा 11 के आदित्य वर्मा ने कहा कि पहले यह सपना दूर लगता था, लेकिन आज यह वास्तविकता बन चुका है।
भारत में अंतरिक्ष शिक्षा का नया युग शुरू
इस विशेष मौके पर सीएमएस की संस्थापक-निदेशिका डा. भारती गांधी ने कहा कि शुभांशु हमारे मार्गदर्शक सितारे हैं। वह साक्षात प्रमाण हैं कि गहरे मूल्यों और साहसी सपनों के साथ सितारों तक पहुँचा जा सकता है। वहीं शुभांशु की यह सफलता भारत में अंतरिक्ष शिक्षा के उत्थान का प्रतीक है। जैसे नासा, इसरो और स्पेसएक्स इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वैसे ही सीएमएस एक नई पीढ़ी के अंतरिक्ष स्वप्नदर्शियों के जन्म का जश्न मना रहा है।
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