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Sonbhadra News: ऐसे बचाएं नौनिहाल की जिदंगी, ग्लूकोज- कोल्डड्रिंक, काफी-चाय से रखें दूर, डायरिया रोकथाम का विशेष अभियान शुरू, घर-घर दी जाएगी दस्तक
Sonbhadra News: आशा, आंगनबाड़ी और आरोग्य केंद्रों पर ओआरएस पैकेट, जिंक गोली की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाएगी। बच्चों को ग्लूकोज, कोल्डड्रिंक, काफी-चाय से दूर रखने की अपील की जा रही है।
ऐसे बचाएं नौनिहाल की जिदंगी, ग्लूकोज- कोल्डड्रिंक, काफी-चाय से रखें दूर (Photo- Newstrack)
Sonbhadra News: सोनभद्र । पांच वर्ष तक के बच्चों को डायरिया की चपेट में आने से बचाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सोमवार को स्टॉप डायरिया.. थीम पर विशेष अभियान शुरू किया। 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में आशा संगिनी जहां घर-घर दस्तक देकर, बचाव के लिए जागरूक करेंगी। वहीं, आशा, आंगनबाड़ी और आरोग्य केंद्रों पर ओआरएस पैकेट, जिंक गोली की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाएगी। बच्चों को ग्लूकोज, कोल्डड्रिंक, काफी-चाय से दूर रखने की अपील की जा रही है। किसी तरह की दिक्कत होने पर, मात्रा अनुसार जिंक की गोली, ओआरएस घोल लेने की सलाह के साथ तबियत ज्यादा बिगड़ने की स्थिति में 102, 108 नंबर डायल कर अस्पताल पहुंचने के लिए कहा जा रहा है। मौसम की स्थिति को देखते हुए, जरूरी एहतियात के साथ ही, बच्चे को उम्र और उसकी क्षमता अनुसार नीबू-छाछ, दालपानी, उबाला हुआ पानी, ताजे फल का बगैर चीनी डाला जूस पिलाने की सलाह दी जा रही है।
सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने 16 जून से 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में ओआरएस-जिंक की को-पैकेजिंग और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाना है। इस अभियान में स्वास्थ्य महकमे के साथ ही, महिला एवं बाल विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, शिक्षा, आईसीडीएस, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) आदि विभागों से भी जरूरी पहल के लिए कहा गया है। इस अभियान के तहत जहां आशा संगिनी घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों की सूची तैयार करेगी। वहीं, प्रत्येक बच्चे के लिए दो-दो पैकेट ओआरएस घोल उपलब्ध कराया जाए, ताकि आपात स्थिति में उसका प्रयोग किया जा सके।
कुछ इस तरह चलाया जाएगा पूरा अभियान
सीएमओ ने बताया कि आशा अपने गांव में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले सभी घरों का भ्रमण कर, संबंधित परिवार के लोगों को, बच्चे को डायरिया की चपेट में आने से बचाने के लिए बरते जाने वाले जरूरी एहतियात की जानकारी देगी। वहीं, पांच वर्ष तक के बच्चों की सूची तैयार कर, परिवार के लोगों को ओआरएस का घोल बनाने, उसके उपयोग के बारे में बताया जाएगा। प्रति बच्चा ओआरएस का दो पैकेट उपलब्ध कराया जाएगा।
वहीं, अगर भ्रमण के दौरान बच्चा दस्त से पीड़ित पाया जाता है तो ऐसे प्रत्येक बच्चे को ओआरएस का दो पैकेट और जिंक की 14 गोलियां (को-पैकेजिग उपलब्ध कराई जाएंगी। अभियान के दौरान और इसके बाद भी प्रत्येक आशा, आंगनवाड़ी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्तर पर 20 पैकेट ओआरएस और 140 जिंक की गोलियां उपलब्ध रखी जाएंगी ताकि जरूरत अनुसार उसका उपयोेग किया जा सके। भ्रमण के दौरान आशा ओआरएस का घोल बनाने की विधि का भी प्रदर्शन करेगी ताकि बच्चे का देखभाल कर रहे व्यक्ति को ओआरएस घोल बनाने का सही तरीका मालूम हो सके।
इस लक्षणों को लेकर रहना होगा सचेत, इस तरह देनी होगी खुराक
सीएमओ ने बताया कि दस्त के गंभीर लक्षण होने पर दो माह से छह माह तक के बच्चे को जिंक की आधी गोली 14 दिन तक और ओआरएस का घोल दिया जाएगा। वहीं, सात माह से पांच वर्ष के बच्चे के लिए 14 दिन तक ओआरएस घोल और जिंक की एक गोली खिलाई जाएगी। दस्त के दौरान बच्चे को नीबू, छाछ, मांड़, ताजे फलों का जूस, दाल पानी, उबला पानी पिलाया जा सकेगा। यह ख्याल रखना होगा कि जो भी तरल पदार्थ पिलाया जाएगा, उसमें चीनी नहीं डाली जाएगी। वहीं, चाय, काफी, ग्लूकोज, कोल्डड्रिंक सहित अन्य बोतल पेय से बच्चे को दूर रखना होगा।
डिहाइड्रेशन के दिखें लक्षण तो तत्काल पहुंचे अस्पताल
सीएमओ ने बताया कि बच्चे के शरीर में डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखें तो तत्काल अस्पताल पहुंचे। एक साल से कम के बच्चे के लिए 102 नंबर की एंबुलेंस सेवा और एक साल से उपर के बच्चे के लिए 108 नंबर की एंबुलेंस की सेवा लें। डिहाइड्रेशन की स्थिति जांचने के लिए, चमड़े में सिकुड़न दिख रहा हो, चमड़ा सिंखने पर धीरे-धीरे सामान्य हो रहा हो, आंख धंस रही हो तो बगैर किसी देरी के तत्काल बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे।
प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर होगा ओआरएस-जिंक कार्नर
डायरिया से सिर्फ बच्चे ही नहीं, बड़ों को भी नुकसान न पहुंचे, इसके लिए प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर ओआरएस-जिंक कार्नर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सीएमओ ने बताया कि सभी सीएचसी, पीएचसी और आरोग्य मंदिर पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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