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Sonbhadra News: प्रतिबंधित मछलियों की बड़ी खेप पकड़ी गई, डीसीएम पर लदी थीं 20 कुंतल मछलियां, निस्तारण के दौरान मची लूट, देखें वीडियो
Sonbhadra News: झारखंड के रांची से मिर्जापुर के राजगढ़ जा रही प्रतिबंधित मछलियों की बड़ी खेप बरामद की गई है। दावा किया जा रहा है कि 20 कुंतल से अधिक मछलियां डीसीएम पर लदी हुई थीं।
Sonbhadra News: झारखंड के रांची से मिर्जापुर के राजगढ़ जा रही प्रतिबंधित मछलियों की बड़ी खेप बरामद की गई है। दावा किया जा रहा है कि 20 कुंतल से अधिक मछलियां डीसीएम पर लदी हुई थीं। इस मछलियों को राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के तिलौली गांव में निस्तारण के लिए ले जाया गया, जहां ग्रामीणों ने जिंदा मछली दफनाए जाने का विरोध तो किया ही, कई लोग मछलियां लूटकर चलते बने। ग्रामीणों के कड़े विरोध को देखते हुए, जहां देर तक मामले को शांत कराने की कोशिश होती रही। वहीं, इस अफरातफरी का फायदा उठाकर चालक, वहां से पिकअप लेकर भाग निकला। अब वाहन पर दर्ज नंबर के आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
बताया जा रहा है कि रांची से डीसीएम के जरिए मांगुर (प्रतिबंधित मछली) की बड़ी खेप मिर्जापुर के राजगढ़ ले जाई जा रही थी। इस बात की जानकारी किसी तरह मंडी सचिव को हुई तो उन्होंने कर्मियों के जरिए, वाहन को कब्जे में ले लिया। मामले की जानकारी मत्स्य विभाग को दी गई। इस पर अपर निदेशक मत्स्य राजेंद्र श्रीवास्तव की तरफ से कर्मियों को भेजकर मछली के प्रतिबंधित होने की पुष्टि कराई गई। इसके बाद मामले की जानकारी एसडीएम सदर उत्कर्ष द्विवेदी को दी गई। उन्होंने तहसीलदार को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। उनके निर्देश पर पहुंचे नायब तहसीलदार और लेखपाल के साथ, बरामद मछली के खेप को तिलौली गांव ले जाया गया।
- मछलियों को दफनाने का ग्रामीणों ने किया विरोध, मच गई लूट:
वहां तालाब किनारे जेसीबी से मिट्टी की खुदाई कर मछली को दफनाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। जैसे ही इस बात की जानकारी ग्रामीणों को मिली उन्होंने विरोध शुरू किया गया। उनका कहना था कि यहां बड़ी मात्रा में मछलियों को दफनाए जाने से दुर्गंध की स्थिति बनेगी। वहीं, मत्स्य महकमे के लोग ऐसा न होने की बात कहकर समझाते रहे। विरोध के बीच कई बार ग्रामीणों और मछलियों का निस्तारण कराने गई टीम के बीच नोंकझोंक की स्थिति बनी। इसका फायदा उठाकर कई ग्रामीण मछलियों को उठाकर चलते बने। देर तक ग्रामीणों में मछलियां लूटने की होड़ सी मची रही। मत्स्य विभाग के लोगों का दावा है कि अफरातफरी का फायदा उठाकर चालक, डीसीएम लेकर भाग निकला। बताते चलें कि मांगुर प्रजाति की मछली का पालन और बिक्री दोनों प्रतिबंधित है। वहीं, इसको पकड़े जाने पर, किसी सुरक्षित जगह पर छह फुट मिट्टी की खुदाई कर उसे दफनाने का नियम है।
देर तक पंचायत और डीसीएम सहित चालक के भागने पर उठे सवाल:
बताते चलें कि मछली की यह खेप दोपहर से पहले ही पकड़ ली गई थी। चर्चाओं के मुताबिक देर तक, इसको लेकर पंचायत की स्थिति बनी रही। इसमें मंडी समिति से जुड़े कार्यों को मैनेज करने को लेकर चर्चित रहने वाले एक कथित कारखास की भूमिका जहां अहम बताई गई। वहीं, मछली दफनाने के दौरान ग्रामीणों से हुई नोंकझोंक का फायदा उठाकर, डीसीएम सहित चालक के भाग निकलने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बताते चलें कि जिस वक्त प्रतिबंधित मछली के सुऱिक्षत निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी, उस वक्त, मंडी समिति, मत्स्य विभाग के लोगों के साथ ही, नायब तहसीलदार भी अपनी टीम के साथ मौजूद थे। बावजूद इतने लोगों के सामने गांव के रास्ते से चालक डीसीएम लेकर भाग निकला और उस पर किसी की नजर नहीं पड़ पाई। न ही उसे रोकने के लिए पुलिस महकमे से कोई मदद ही ली गई। हालांकि अपर निदेशक मत्स्य राजेंद्र श्रीवास्तव का कहना था कि वह विरोध जता रहे ग्रामीणों को समझाने में लगे हुए थे। इसी दौरान चालक वहां से डीसीएम लेकर भाग निकला। कार्रवाई के बाबत पूछे जाने पर कहा कि प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
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