Sonbhadra News: समय सीमा से पहले व्यापारियों को थमाई जा रही जीएसटी की नोटिस, उद्योग बंधु की बैठक में छाए रहे हाइवे की सर्विस लेन सहित कई मसले

Sonbhadra News: नगरीय क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की खराब स्थिति पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए हस्तक्षेप की मांग उठाई गई। उपायुक्त उद्योग विनोद चौधरी ने जहां उद्योग से जुड़ी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 28 July 2025 8:08 PM IST
Sonbhadra News: समय सीमा से पहले व्यापारियों को थमाई जा रही जीएसटी की नोटिस, उद्योग बंधु की बैठक में छाए रहे हाइवे की सर्विस लेन सहित कई मसले
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समय सीमा से पहले व्यापारियों को थमाई जा रही जीएसटी की नोटिस  (photo: social media )

Sonbhadra News: विकास भवन सभागार में सोमवार को डीडीओ हेमंत कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय उद्योग बंधु की बैठक में, व्यवसायियों की समस्याओं के साथ ही, जनहित से जुड़े मुद्दे उठाए गए। व्यापारियों ने जहां जीएसटी से जुड़ी परेशानी से अवगत कराया और उसके समाधान की मांग की। वहीं, नगरीय क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की खराब स्थिति पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए हस्तक्षेप की मांग उठाई गई। उपायुक्त उद्योग विनोद चौधरी ने जहां उद्योग से जुड़ी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया। वहीं, डीडीओ ने कहा कि इस दौरान बुनियादी मसलों यानी जनहित से जुड़े मसले उठाए गए हैं, उसके समाधान का हर संभव0 प्रयास किया जाएगा।

समय से पहले व्यापारियों को थमाई जा रही जीएसटी की नोटिस-जुर्माना:‘

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि जीएसटी से जुड़ी प्रक्रिया को लेकर व्यापारियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। अगर कोई व्यापारी अपनी व्यक्तिगत परेशानियों की वजह से जीएसटी रिटर्न समय से दाखिल नहीं कर पा रहा है तो उसको लेकर 15 दिन का समय देने का प्रावधान है लेकिन इस प्रावधान का पालन नहीं किया जा रहा है। 15 दिन की समय सीमा पूर्ण होने से पूर्व ही 25 हजार का अर्थदंड थोप दिया जा रहा। मसले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक निर्णय का भी हवाला दिया गया और प्रकरण में प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की गई।

62 जगहों पर जोखिम भरे हालातों में स्थापित हैं ट्रांसफार्मर:

व्यापार संगठन के जिला महामंत्री प्रीतपाल सिंह, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राजेश जायसवाल की ओर से दावा किया गया कि जिला मुख्यालय स्थित राबटर्सगंज शहर की एरिया में बिजली आपूर्ति के लिए कुल 194 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं उसमें से 62 की स्थिति जोखिम भरी है। दावा किया गया कि नगर के अति व्यस्ततम स्थलों में एक धर्मशाला चौक पर 400केबीए के ट्रांसफार्मर की हालत खतरे को दावत देने जैसी है। यह टेढ़े हो चुके खंभों पर किसी तरह टिका हुआ है। कचहरी तिराहा नवीन मंडी समिति, मछली गली मोड पर लगे ट्रांसफार्मर के लिए कोई सुरक्षा घेरा न होन की जानकारी दी गई। जमीन से महज दो फीट की ऊंचाई पर स्थित इन ट्रांसफार्मरों की हालत हादसे को दावत देने वाली है। ओवरहीटिंग के समय यहां आग लगने की स्थिति बनती रहती है। बावजूद संबंधित इसको लेकर उदासीनता बरत रहे हैं।

हाइवे से जुड़ी सर्विस लेन की स्थिति बनती जा रही नारकीय:

राजू जायसवाल, नागेंद्र मोदनवाल का कहना था कि राबटर्सगंज शहर से गुजरे हाइवे को, फ्लाईओवर में तब्दील कर दिया गया है। नगरीय हिस्से में और पन्नूगंज-घोरावल की तरफ जाने के लिए सर्विस लेन मार्ग का इस्तेमाल किया जाता है। हाइवे के साथ ही सर्विस लेन के रख-रखाव के नाम पर एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हाइवे से आवागमन करने वाले वाहनों से हर रोज लाखों की वसूली की जाती है। टोल वसूलने वाली कंपनी और उपसा के बीच 20 साल तक रखरखाव का कांट्रैक्ट भी है। बावजूद पिछले आठ साल से सर्विस लेन की हालत, बारिश के समय से बद से बदतर स्थिति वाली हो जाती है। पिछले साल पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क और बाद में मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति जैसी स्थिति ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के मसले पर भी उठाए गए सवाल:

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी कई सवाल उठाए गए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे डीडीओ को अवगत करायागया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज की डिजिटल एक्सरे मशीन पिछले एक वर्ष से खराब पड़ी है। इसके चलते स्पाइनल सर्वाइकल एवं अन्य बीमारी वाले मरीजों को प्राइवेट सेंटरों का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं, मेडिकल कालेज प्रबंधन पिछले एक साल से जल्द मशीन ठीक होने का आश्वासन देने में लगा हुआ है।

कागज पर चल रहा पंचायत उद्योग, धूल फांक रही लाखों की मशीन:

दीप सिंह पटेल आदि की तरफ से दावा किया गया कि पंचायत उद्योग से जुड़े कारोबार ज्यादातर कागजों पर ही संचालित किए जा रहे हैं। अवगत कराया गया कि महिलाओं के रोजगार और उनकी स्वच्छता से जुड़ा पकरी गांव में स्थापित उद्योग सिर्फ कागजों पर सिमटकर रह गया है। यहां लाखों की लागत से स्थापित की गई मशीन धूल फांक रही है। इस पर शुरूआती समय में 17 लाख रुपए का रिवाल्विंग फंड व्यय किया गया। इस खर्च के आउटपुट की क्या स्थित रही, इसकी भी जानकारी किसी को नहीं है। अलबत्ता उद्योग के संचालन के लिए खड़े किए गए स्ट्रक्चर और स्थापित की गई मशीनें धीरे-धीरे खराब होने की तरफ जरूर बढ़ रही है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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