TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: एनसीएल विस्थापितों की गुहार, 'दलालों के चंगुल से बचाएं हमारी नौकरियां'; नई आउटसोर्सिंग कंपनी में वसूली का आरोप, सीएम से शिकायत की चेतावनी
Sonbhadra News: दर्जनों ग्रामीणों ने एकराय होकर प्रोजेक्ट के जीएम को सौंपे पत्रक में गुहार लगाई गई हैं, उनके प्रोजेक्ट में काम करने वाली आउटसार्सिंग कंपनियों की नौकरियां, दलालों के चंगुल से बचाई जाए।
एनसीएल विस्थापितों की गुहार, 'दलालों के चंगुल से बचाएं हमारी नौकरियां' (Photo- Newstrack)
Sonbhadra News: सोनभद्र । एनसीएल की कोल परियोजनाओं में ओवरबर्डेन हटाने का काम करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनियों में बाहरियों के बढ़ते दखल और विस्थापितों को कोटे वाली नौकरियां बाहर के लोगों को देने का विरोध जहां तेज कर दिया गया है। वहीं, स्थानीय रहवासियों की तरफ से इस मसले को लेकर, एक अलग ही तरीके से मांग उठाए जाने का मामला सामने आया है। ताजा प्रकरण एनसीएल के बीना कोल प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है।
दर्जनों ग्रामीणों ने एकराय होकर प्रोजेक्ट के जीएम को सौंपे पत्रक में गुहार लगाई गई हैं, उनके प्रोजेक्ट में काम करने वाली आउटसार्सिंग कंपनियों की नौकरियां, दलालों के चंगुल से बचाई जाए। ऐसा न किए जाने पर आंदोलन और सूबे के राजधानी जाकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की बात कही गई है।
बीना में आई नई आउटसोर्सिंग कंपनी में पारदर्शिता की उठाई गई मांग:
बीना से सटे बांसी गांव के सैकड़ों ग्रामीणों को बीना कोल प्रोजेक्ट के जीएम को सौंपे पत्रक में कहा है कि उनका गांव बीना कोल परियोजना से विस्थापित एवं प्रभावित है। बीना परियोजना में ओबी यानी आउटसोर्सिंग कंपनी राधा चेन्नई को अगले तीन साल तक कोयला खनन के लिए उपरी सतह की मिट्टी यानी ओवरबर्डेन हटाने का ठेका दिया गया है। पत्रक के जरिए कहा कि उक्त कंपनी में क्षेत्र के कुछ कथित प्रधान-जनप्रतिनिधियों द्वारा राधा चेन्नई कंपनी में रोजगार दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को वसूली का काम शुरू कर दिया गया है। आरोप लगाया गया है कि बिचौलियों के माध्यम से बेरोजगार युवकों, उनके परिवार वालों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है जो एक अपराध की श्रेणी में आता है।
- लगाया आरोप: नौकरी दिलाने के नाम शुरू हो गई है वसूली:
मांग की गई है कि विस्थापितों-स्थानीय बेरोजगार के हक वाली नौकरी को दलालों-बिचौलियों के चंगुल से बचाते हुए जरुरतमंद और पात्रों को नौकरी उपलब्ध कराई जाए। सौंपे गए पत्रक में ग्रामीणों की तरफ से कहा गया है कि आउटसोर्सिंग कंपनी में नौकरी के लिए वह किसी भी प्रधान या क्षेत्र के प्रतिनिधि के कोटा या उनके प्रभााव-वर्चस्व का समर्थन नहीं करते। ग्रामीणों की तरफ से यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर कथित प्रधानांे/बिचौलियों के माध्यम से भर्ती प्रकिया अपनाई गई तो बांसी गांव के सभी ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। एक एक सप्ताह के भीतर इस मसले पर ठोस कदम न उठाए जाने पर गुहार लगाने के लिए सीएम के यहां जाने की बात कही गई है।
अब भी होगी बेहतरी की पहल.., या फिर बिचौलियागिरी की भंेट चढ़ती रहेंगी नौकरियां:
ग्रामीणों की तरफ से पहली बात समूहबद्ध होकर, बगैर किसी नेता, बगैर किसी संगठन के बैनर तले जिस तरह से, आउटसोर्सिंग कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे बिचौलियागिरी-वसूली के खेल के खिलाफ आवाज उठाई गई है, उसको देखते हुए, अब एनसीएल या एनसीएल के संबंधित कोल परियोजना प्रबंधन की तरफ से क्या कदम उठाया जाएगा? इस पर तरह-तरह की चर्चा होने के साथ ही, इस मसले पर क्या एक्शन सामने आएगा.. इस पर लोगों की नजरें टिक गई हैं।
बताते चलें कि एनसीएल से जुड़ी आउटसोर्सिंग कंपनियों में बाहरियों को नौकरी दिए जाने ओर बिचौलियों के जरिए नौकरी के नाम पर वसूली का मसला लंबे समय से सुर्खियों में बना हुआ। पहले एसके यादव, इसके बाद कलिंगा कंपनी में कथित कोटा की आड़ में जमकर वसूली-गड़बड़ी के आरोप लगाए जा चुके हैं। जिले के शक्तिनगर और सीमावर्ती राज्य एमपी के सिंगरौली जिला अंतर्गत मोरवा थाने में, नौकरी के नाम पर वसूली के आरोप में कई केस भी दर्ज किए जा चुके हैं। बावजूद अब तक कथित बिचौलियागिरी, नौकरियों के लिए कथित कोटा निर्धारण का खेल अब तक बना हुआ है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!