Varanasi News: शिक्षा पर आघात और महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी सरदार सेना : डॉ. आर.एस. पटेल

Varanasi News: मंगलवार को देश के तीन प्रमुख मुद्दों पर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन सरदार सेना प्रमुख डॉ. आर.एस. पटेल के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सौंपा गया।

Ajit Kumar Pandey
Published on: 22 July 2025 2:27 PM IST (Updated on: 22 July 2025 4:11 PM IST)
Varanasi News:  शिक्षा पर आघात और महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी सरदार सेना : डॉ. आर.एस. पटेल
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Sardar Sena protest

Varanasi News: सरदार सेना ने मंगलवार को देश के तीन प्रमुख मुद्दों पर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन सरदार सेना प्रमुख डॉ. आर.एस. पटेल के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सौंपा गया। इस दौरान सेना के जिला प्रभारियों और अध्यक्षों ने दो ज्ञापन सौंपे, जिनमें क्रमशः तीन सूत्रीय और पांच सूत्रीय मांगों को रखा गया।

पहला मुद्दा: कंगना रनौत द्वारा सरदार पटेल पर की गई अभद्र टिप्पणी

सरदार सेना ने भाजपा सांसद कंगना रनौत की उस टिप्पणी की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि “सरदार पटेल को अंग्रेजी नहीं आती थी, इसलिए वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।”

सेना का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर हमला है, बल्कि यह राष्ट्र की अस्मिता पर भी आघात है।

सेना ने भाजपा पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ वे महापुरुषों के सम्मान का दिखावा करते हैं, तो दूसरी ओर उनके सांसद अपमानजनक टिप्पणियाँ करते हैं।

सरदार सेना की मांग है कि:

कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह की धाराओं में तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए।

उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।

उनकी संसद सदस्यता रद्द करते हुए उन्हें जेल भेजा जाए।

दूसरा मुद्दा: योगी सरकार द्वारा 5000 सरकारी विद्यालयों का विलय

सरदार सेना ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी तुगलकी फरमान के तहत 5000 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया, जिससे गरीब, पिछड़े और दलित वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।

यह आदेश न केवल शिक्षा प्रणाली के व्यवस्थित विघटन की शुरुआत है, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर भी हमला है। सरदार पटेल, जो मौलिक अधिकार समिति के अध्यक्ष थे, उनके विचारों पर भी यह सीधा आघात है।

सेना ने इस संदर्भ में पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा:

उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी, अर्द्ध-सरकारी और संविदा कर्मचारियों-अधिकारियों के बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने का अनिवार्य आदेश जारी किया जाए।विद्यालयों के विलय के कारण उत्पन्न कठिन परिस्थितियों को देखते हुए यह मर्जर व्यवस्था तत्काल समाप्त की जाए।प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को अनुशासनात्मक सुधारों के साथ सुदृढ़ किया जाए।शिक्षक डॉ. रजनीश गंगवार पर दर्ज एफआईआर को तत्काल रद्द किया जाए।डॉ. गंगवार द्वारा रचित प्रेरणादायक गीत “कांवड़ लेने मत जाना, तुम ज्ञान के दीप जलाना” को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए और उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जाए।सरदार सेना ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन मुद्दों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो सेना स्वयं सुधार के लिए बाध्य होगी।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग:

इस कार्यक्रम में सरदार सेना के जिला प्रभारी घनश्याम पटेल, जिलाध्यक्ष अशोक पटेल, जिला संयोजक अमन वर्मा, जिला महासचिव नरेन्द्र पटेल, अजित पाल, डॉ. पी.एन. सिंह पटेल, डॉ. राम विकास, रामासरे वर्मा, सुनील वर्मा, सुशील पटेल, धर्मेन्द्र पटेल, राहुल पटेल समेत सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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