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UP New Chief Secretary: यूपी में कौन होगा अगला मुख्य सचिव? रेस में इन आईएएस अफसरों के नाम चल रहे आगे
UP New Chief Secretary: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह इसी माह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो जायेंगे। भले ही मनोज कुमार सिंह को रिटायर होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं। लेकिन यूपी का अगला मुख्य सचिव कौन बनेगा। इसको लेकर चर्चा अभी से शुरू हो गयी है।
UP New Chief Secretary
UP New Chief Secretary: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह इसी माह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो जायेंगे। भले ही मनोज कुमार सिंह को रिटायर होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं। लेकिन यूपी का अगला मुख्य सचिव कौन बनेगा। इसको लेकर चर्चा अभी से शुरू हो गयी है। सत्ता के गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार मिलेगा या फिर कोई नया अधिकारी मुख्य सचिव की कमान संभालेगा। उल्लेखनीय है कि जून 2024 में 1988 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने यूपी के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था।
वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद और करीबी अफसर माने जाते हैं। अब उनके सेवानिवृत्ति की तिथि नजदीक आने पर सरकार यह मंथन कर रही है कि आखिर किस अफसर को मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी जाए। ऐसे में मुख्य सचिव पद के लिए कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दावेदार माने जा रहे हैं। इनमें अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल के मुख्य सचिव बनने की प्रबल संभावना जतायी जा रही है। एसपी गोयल सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसर कहे जाते हैं। ऐसे में उनके मुख्य सचिव बनने की संभावना तेज है। वहीं इस रेस में भारत सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी और कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार नाम भी शामिल है।
एसपी गोयल सीएम के करीबी पर जातीय समीकरण बन सकती है बाधा
1989 बैच के आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल (एसपी गोयल) सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी है। वह योगी सरकार के बीते आठ सालों से प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव के रूप में पंचम तल (मुख्यमंत्री कार्यालय) का कार्यभार संभाल रहे हैं। एसपी गोयल को ब्यूरोक्रेसी, राजनीति के साथ ही यूपी के हर जनपद की बेहतर समझ है।
प्रशासनिक अनुभव और अदभुत निर्णय क्षमता वाले एसपी गोयल यूपी के अगले मुख्य सचिव का पदभार संभाल सकते हैं। लेकिन उनकी राह आसान नहीं होगी। उनके सामने जातीय समीकरण एक बाधा बन सकती है। वर्तमान में यूपी के डीजीपी पद का जिम्मा संभाल राजीव कृष्णा वैश्य समाज से हैं। वहीं एसपी गोयल भी वैश्य समाज से ही ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में लोग यह तर्क दे सकते हैं कि पुलिस और प्रशासन के शीर्ष पदों पर एक ही जाति के अफसर नहीं होने चाहिए।
देवेश चतुर्वेदी ब्राह्मण कार्ड और चुनौती बरकरार
1989 बैच के आईएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव पद पर तैनात हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के सांसद कार्यकाल के दौरान वह गोरखपुर के जिलाधिकारी रह चुके हैं। वह सीएम योगी के करीबी और बेहद सुलझे हुए अधिकारी माने जाते हैं। ब्राह्मण समुदाय को साधने के लिहाज से देवेश चतुर्वेदी के नाम पर मंथन चल रहा है। लेकिन यहां भी एक बाधा है। देवेश चतुर्वेदी को मुख्य सचिव बनने के लिए केंद्र से रिलीव होना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार की सहमति जरूरी है। अगर केंद्र सहमत हो जाता है तो फिर फरवरी 2026 तक देवेश चतुर्वेदी मुख्य सचिव पद का कार्यभार देख सकेंगे।
दीपक कुमार की प्रशासनिक पकड़ मजबूत
वहीं यूपी के अगले मुख्य सचिव की रेस में 1990 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक का नाम भी आगे चल रहा है। वह कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ ही वित्त, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। गोरखपुर के जिलाधिकारी के समय से ही वह योगी आदित्यनाथ के करीबी रहे हैं। उनकी छवि तेज निर्णय लेने वाले अधिकारियों में होती है। वह अक्टूबर 2026 में रिटायर होंगे। ऐसे में उनके मुख्य सचिव बनने की संभावना तेज मानी जा रही है।
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