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भ्रष्टाचार की हद! “उद्घाटन से पहले ही समुद्र में समा गई 5 करोड़ की सड़क, बांग्लादेश में भ्रष्टाचार ने रचा नया कीर्तिमान”
Bangladesh corruption: बांग्लादेश के कुआकाटा में 5 करोड़ टका की लागत से बनी मरीन ड्राइव सड़क उद्घाटन से पहले ही समुद्र में समा गई।
Bangladesh corruption: बांग्लादेश की राजनीति और प्रशासन इन दिनों फिर सवालों के घेरे में है। एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सिर्फ देश की नाक नहीं कटी, बल्कि सरकार की ईमानदारी पर भी बड़ा तमाचा मारा है। जिस सड़क को बनने में करोड़ों टका खर्च किए गए थे, वो उद्घाटन से पहले ही समुद्र में समा गई। 5 करोड़ की लागत, 1300 मीटर लंबी मरीन ड्राइव सड़क जिसे 'कुआकाटा' जैसे टूरिस्ट हॉटस्पॉट को सजाने के लिए तैयार किया गया था, वो भ्रष्टाचार की लहरों में बह गई। ये सिर्फ एक सड़क नहीं थी, ये उम्मीदों की पटरी थी, जिस पर जनता विकास की रेल दौड़ते देखने का सपना देख रही थी। लेकिन सत्ता में बैठी यूनुस सरकार और उसके भ्रष्ट सिस्टम ने उस सपने को समंदर में दफना दिया।
विकास या विनाश?
कुआकाटा, जिसे लोग प्यार से 'समुद्र की बेटी' कहते हैं, को और भी खूबसूरत बनाने के लिए इस सड़क का निर्माण किया जा रहा था। यह परियोजना 2023-24 में आईयूआई आईपी (फेज 2) के तहत शुरू हुई थी। तीन ठेकेदार, मोल्ला ट्रेडर्स, अबरार ट्रेडर्स और एसएम ट्रेडर्स को ठेका दिया गया। लेकिन नाम से बड़े, काम से घटिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस पूरी योजना में न तो गाइड वॉल बनाई गई, न ही समुद्र के खतरों को ध्यान में रखकर इंजीनियरिंग प्लान किया गया। और मजे की बात ये कि इस पूरे प्रोजेक्ट में शामिल थे नगरपालिका मेयर के करीबी लोग: सद्दाम मल, बेलाल हुसैन और छगीर मोल्ला। यानी भाई-भतीजावाद और नेता-ठेकेदार गठजोड़ ने मिलकर एक बार फिर बांग्लादेश की जनता के पैसों को समंदर में बहा दिया।
घटिया निर्माण, गुस्साई जनता
स्थानीय नागरिकों का गुस्सा अब उबाल पर है। लोगों का कहना है कि सड़क का काम पूरा भी नहीं हुआ था, उससे पहले ही चक्रवात और समुद्री लहरों ने इसका अधिकांश हिस्सा निगल लिया। स्थानीय निवासी गाजी हनीफ ने बांग्लादेश ट्रिब्यून को बताया, “ऐसे जोखिम भरे क्षेत्र में बिना सुरक्षात्मक दीवार के सड़क बनाना एक मज़ाक है। यह भ्रष्टाचार की जीती-जागती तस्वीर है।” क्या यूनुस सरकार अब भी सोचेगी कि जनता अंधी है? क्या ये समझ लिया गया है कि जो भी हुआ, लोग भूल जाएंगे?
सरकार की नीयत पर उठे सवाल
यूनुस सरकार ने सत्ता में आते ही वादा किया था “भ्रष्टाचार खत्म होगा, कानून का राज होगा, आम जनता की आवाज़ सुनी जाएगी।” लेकिन जो हो रहा है, वह इन वादों की कब्रगाह बन चुका है। देश में न केवल कानून व्यवस्था लचर है, बल्कि अब तो बुनियादी ढांचे तक में घोटाले हो रहे हैं। आए दिन हो रही लिंचिंग, रेप और अपहरण की खबरों के बीच अब यह घटना बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी दाग लगा रही है।
भ्रष्टाचार का समुद्र कितना गहरा है?
यह सवाल अब हर बांग्लादेशी के ज़ेहन में है। देश के कोने-कोने में सरकार के खिलाफ नाराजगी फैल रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सिर्फ एक सड़क का मुद्दा नहीं, यह सरकार की सोच और सिस्टम की पोल खोलने वाला मामला है। अगर इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले चुनावों में यूनुस सरकार को जनता का गुस्सा झेलना पड़ सकता है।
क्या कोई सज़ा मिलेगी? या फिर फाइलों में दफन होगा सच?
इतिहास गवाह है कि बांग्लादेश में घोटालों पर जांच बैठती है, रिपोर्ट बनती है, लेकिन फिर सबकुछ फाइलों में दबा दिया जाता है। सवाल यह है कि क्या इस बार भी ऐसा ही होगा? या फिर जनता का गुस्सा इस भ्रष्ट सिस्टम को उखाड़ फेंकेगा? समंदर की लहरें सड़क को बहा सकती हैं, लेकिन अगर भ्रष्टाचार की सुनामी न रोकी गई तो ये पूरा देश अपने भविष्य समेत बह जाएगा। कुआकाटा की सड़क ने सिर्फ एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन को नहीं निगला उसने बांग्लादेश के सिस्टम की सड़ांध को उजागर कर दिया है।
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