बांग्लादेश में पाकिस्तान की सबसे बड़ी साजिश! एक झटके में तबाह हो जाता पूरा देश, पाक के आतंकी चाल का पर्दाफास

Pakistan’s Deadliest Plot in Bangladesh: बांग्लादेश में TTP की घुसपैठ से पाकिस्तान की सबसे बड़ी आतंकी साजिश बेनकाब! ढाका से खुला आतंकी नेटवर्क, फैजल की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप।

Harsh Srivastava
Published on: 14 July 2025 3:29 PM IST
बांग्लादेश में पाकिस्तान की सबसे बड़ी साजिश! एक झटके में तबाह हो जाता पूरा देश, पाक के आतंकी चाल का पर्दाफास
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Pakistan’s Deadliest Plot in Bangladesh: ढाका की तंग गलियों में किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि एक मामूली-सी दुकान पर बैठा शख्स, असल में मौत का सौदागर है... लेकिन जब बांग्लादेश की आतंकवाद निरोधक इकाई (ATU) ने उस पर शिकंजा कसा, तो सामने आया एक ऐसा सच, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। एक ऐसा सच, जो बताता है कि बांग्लादेश अब सिर्फ पड़ोसी देशों की साजिशों का शिकार नहीं, बल्कि एक खतरनाक 'आतंकी प्रयोगशाला' बनता जा रहा है, जहां पाकिस्तान अपने सबसे कुख्यात संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को घुसा चुका है।

सावर की दुकान से खुला पाकिस्तान की साजिश का पिटारा

2 जुलाई की दोपहर, सावर उपजिला स्वास्थ्य परिसर के पास एक छोटी-सी दुकान पर आतंकवाद निरोधक दस्ते का छापा पड़ा। वहां से एक ऐसा चेहरा निकला, जो न तो आम था, न ही निर्दोष। 33 साल का मोहम्मद फैजल, एक ऐसा नाम जो अब बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दे रहा है।ATU को लंबे समय से खुफिया जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तान का प्रतिबंधित आतंकी संगठन TTP अब बांग्लादेश में भी अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। और जब ATU ने फैजल को दबोचा, तो सारे शक यकीन में बदल गए। गिरफ्तारी के अगले दिन उसे अदालत में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया, लेकिन इस एक गिरफ्तारी ने जो राज उगले, वो किसी खौफनाक फिल्म से कम नहीं।

अफगानिस्तान से ली 'जिहादी ट्रेनिंग', पाकिस्तान बना था 'पासपोर्ट'

पूछताछ में फैजल ने जो कहानी सुनाई, उसने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए। फैजल ने कबूला कि वह पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान गया था, जहां उसने TTP के आतंकी कैंप में बाकायदा हथियारों और बम बनाने की ट्रेनिंग ली। इतना ही नहीं, उसके साथ 23 वर्षीय अहमद जुबैर उर्फ़ युवराज भी था, जो बाद में पाकिस्तान के वजीरिस्तान में सेना के ऑपरेशन में मारा गया। यानी पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरहदों पर TTP का जो आतंक मंडरा रहा है, उसका एक सिरा अब ढाका तक पहुंच चुका है। फैजल, ट्रेनिंग के बाद दुबई होते हुए बांग्लादेश लौटा, और यहां से शुरू हुई उसकी असली 'जिहादी मुहिम'।

टारगेट थे बांग्लादेश के 'कट्टरपंथी युवा', मकसद था 'सत्ता के खिलाफ जंग'

ATU की चार्जशीट से ये साफ होता है कि फैजल सिर्फ खुद को नहीं, बल्कि बांग्लादेश के युवाओं को भी 'कट्टरपंथ की आग' में झोंकने आया था। उसका मकसद था ऐसे युवकों को जोड़ना, जो सरकार के खिलाफ 'जिहाद' छेड़ने को तैयार हों। यानी बांग्लादेश की धरती पर अब सिर्फ राजनीतिक घुसपैठ नहीं हो रही, बल्कि आतंकी नेटवर्किंग की भी नींव रखी जा रही है – वो भी पाकिस्तान की सरपरस्ती में।

पाकिस्तान की 'दोहरी चाल': एक ओर दोस्ती, दूसरी ओर दहशत

चौंकाने वाली बात यह है कि हाल के महीनों में बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में तेजी से मिठास घुली है। डिप्लोमैटिक विज़िट, बिज़नेस डील और कल्चरल इवेंट्स – सब कुछ सामान्य से ज्यादा सहज दिख रहा था। लेकिन फैजल की गिरफ्तारी ने उस 'सजावटी परदे' को चीरकर पाकिस्तान की असली मंशा उजागर कर दी है। यह वही TTP है, जिस पर खुद पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है, और जिसने 2024 में 588 पाक नागरिकों की जान ली – जिनमें सेना के अफसर और जवान शामिल हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान इसे अफगानिस्तान में पनाह देता है, और अब बांग्लादेश में इसे 'एक्सपोर्ट' कर रहा है।

क्या ढाका बन रहा है 'नई पेशावर'? आतंकी नेटवर्क का अगला ठिकाना?

विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में तेजी से बढ़ता धार्मिक कट्टरपंथ, कमजोर इंटेलिजेंस नेटवर्क और राजनीतिक अस्थिरता, पाकिस्तान के लिए 'उर्वर जमीन' बन रही है। TTP जैसे आतंकी संगठनों को यहां के गुमराह युवाओं में 'जिहाद' का बीज बोने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। और अगर समय रहते इस नेटवर्क पर लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले दिनों में ढाका 'नई पेशावर' बन सकता है – जहाँ हर कोने में सिर्फ दहशत होगी।

क्या बांग्लादेश सरकार जागेगी?

फैजल की गिरफ्तारी फिलहाल एक बड़ी सफलता ज़रूर है, लेकिन ये सिर्फ एक सिरा है। इससे बड़ा सवाल यह है – कितने और फैजल बांग्लादेश में छिपे हुए हैं? क्या सुरक्षा एजेंसियों को उनके बारे में कोई सुराग है? क्या सरकार अब भी पाकिस्तान से रिश्तों को 'डिप्लोमैटिक मुस्कान' से ढकती रहेगी, या फिर इस खुली साजिश के खिलाफ ठोस कदम उठाएगी?

ये सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, चेतावनी है

फैजल की गिरफ्तारी को महज़ एक ऑपरेशन की सफलता मानना भूल होगी। ये घटना बांग्लादेश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर हुआ एक घातक हमला है, जो दिखाता है कि अब खतरा सरहदों से नहीं, आस-पड़ोस की दुकानों से पैदा हो रहा है। पाकिस्तान की 'दोस्ती' की आड़ में छुपा ये 'आतंकी अजेंडा' अगर अब भी नजरअंदाज हुआ, तो कल ढाका की गलियों में धमाके होंगे, और अफसोस रहेगा कि हमने वक्त रहते खतरे को पहचाना नहीं।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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