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अब चीन-Pak की खैर नहीं.. भारत बनाएगा 'स्टील्थ फाइटर जेट' का दिल! फ्रांस के साथ 'सबसे बड़ी डील' फाइनल के करीब

India France defence deal: इस डील के अंतर्गत दोनों देश मिलकर 120 किलोन्यूटन (kN) ताकत वाला एडवांस जेट इंजन बनाएंगे, जो भारत के अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) और भविष्य के रक्षा प्लेटफॉर्म्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने साबित होगा।

Priya Singh Bisen
Published on: 18 July 2025 2:28 PM IST
India France defence deal
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India France defence deal

India France defence deal: भारत और फ्रांस एक बड़े और ऐतिहासिक रक्षा समझौते की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस डील के अंतर्गत दोनों देश मिलकर 120 किलोन्यूटन (kN) ताकत वाला एडवांस जेट इंजन बनाएंगे, जो भारत के अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) और भविष्य के रक्षा प्लेटफॉर्म्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने साबित होगा।

इस डील की संभावित लागत तकरीबन ₹61,000 करोड़ बताई जा रही है और इसे रक्षा मंत्रालय (MoD) की तकनीकी समिति और हितधारकों की विस्तार से समीक्षा के बाद मंजूरी दे दी गयी है।

AMCA और IMRH क्या हैं?

AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft)

यह भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जिसे DRDO बना रहा है। जानकारी के मुताबिक, इस विमान किम खासियत रडार से बचने, सुपरक्रूज (बिना आफ्टरबर्नर तेज उड़ान) करने और दुश्मन के ठिकानों पर अचूक वार करने में सक्षम होगा।

IMRH (Indian Multirole Helicopter)

यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाकर तैयार किया जा रहा जो 12 टन से ज्यादा वजन वाला हेलिकॉप्टर है। यह सेना के लिए ट्रांसपोर्ट, अटैक, सर्च-रेस्क्यू और VIP मिशनों के लिए प्रयोग किया जाएगा।

फ्रांस के साथ क्यों कर रहा है भारत यह साझेदारी?

भारत की लंबे वक़्त से यह प्रयास कर रहा है कि वह अपने लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों के इंजन देश में ही बना सके। अभी तक ज्यादातर इंजन विदेशी कंपनियों से मंगाए जाते हैं, जिससे वक़्त, लागत और सुरक्षा दोनों पर प्रभाव पड़ता है। फ्रांस के साथ यह समझौता भारत को न सिर्फ नई टेक्नोलॉजी देगा बल्कि उसे आत्मनिर्भरता की तरफ भी ले जाएगा।

प्रोजेक्ट की मुख्य चीज़ों पर एक नज़र:

₹61,000 करोड़ की लागत: यह डील भारत की अब तक की सबसे महंगी इंजन विकास परियोजना हो सकती है।

120kN की पावर: इस इंजन से भारत को 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए सुपरक्रूज और स्टील्थ क्षमताएं प्रदान की जाएंगी।

तकनीक हस्तांतरण: फ्रांस भारत को इंजन बनाने की पूरी टेक्नोलॉजी प्रदान करेगा, जिससे भारत भविष्य में खुद इंजन बना विकसित कर पायेगा।

HAL की भूमिका: HAL इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा हिस्सेदार होगा और IMRH के इंजन विकसित में भी फ्रांस के साथ मिलकर काम करेगा।

भारत को क्या लाभ मिलेगा?

आत्मनिर्भरता: रक्षा क्षेत्र में भारत अपनी जरूरतें खुद पूरी कर पाएगा।

निर्यात की संभावना: भविष्य में भारत खुद स्टेल्थ इंजन निर्यात कर सकता है।

रोजगार और तकनीकी विकास: भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को अत्याधुनिक तकनीक में काम करने का अवसर मिलेगा।

भारत-फ्रांस रक्षा संबंध और मजबूत होंगे।

बता दे, यह डील भारत की रक्षा रणनीति में मील का पत्थर साबित हो सकती है। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक होता है, तो आने वाले सालों में भारत न सिर्फ स्टील्थ लड़ाकू विमान विक्सित करेगा, बल्कि उनके दिल यानी इंजन भी पूरी तरह से अपने देश में ही तैयार करेगा। भारत और फ्रांस की यह साझेदारी आने वाले वक़्त में वैश्विक रक्षा क्षेत्र की दिशा भी बड़ा परिवर्तन ला सकती है।

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