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ट्रंप के नाम से कांप रहे खामेनेई! सामने दिखने लगी 'मौत', परेशान किया तो 'परमाणु बम' मार देगा अमेरिका

Iran Israel War: अमेरिका ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह शांति का रास्ता चुने या और अधिक विनाश के लिए तैयार रहे।

Snigdha Singh
Published on: 24 Jun 2025 8:39 AM IST
ट्रंप के नाम से कांप रहे खामेनेई! सामने दिखने लगी मौत, परेशान किया तो परमाणु बम मार देगा अमेरिका
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Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अब अमेरिका ने भी सक्रिय हस्तक्षेप कर दिया है। रविवार को अमेरिका ने ईरान की फोर्दो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया। 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' नाम के इस अभियान में तीनों परमाणु साइट्स को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया गया है।

इस हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पहली बार सार्वजनिक रूप से तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, जायोनिस्ट दुश्मन (इजरायल) ने बहुत बड़ा अपराध किया है। उसे इसका दंड मिल रहा है और यह सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि, उन्होंने अमेरिका के हमले पर सीधा कोई जिक्र नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, 86 वर्षीय खामेनेई इस समय किसी अज्ञात भूमिगत बंकर में शरण लिए हुए हैं। खुफिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि उन्हें अपनी हत्या की आशंका है, जिसके चलते उन्होंने सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद कर दिए हैं और अपने विश्वस्त सहायक के जरिए ही सैन्य अधिकारियों से संवाद कर रहे हैं।

कमांड ढांचे को नुकसान, विकल्प तैयार

13 जून से जारी इजरायली हमलों में ईरान को भारी सैन्य नुकसान हुआ है। कई वरिष्ठ कमांडर और खामेनेई के करीबी सहयोगी मारे जा चुके हैं। माना जा रहा है कि खामेनेई ने भविष्य में कमांड संरचना में आ सकती बाधाओं को देखते हुए वैकल्पिक नेतृत्व की योजना पहले से तैयार कर ली है। तीन दशक के शासन में पहली बार खामेनेई ने संकेत दिया है कि यदि उनकी मृत्यु होती है, तो 'असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स' उनके द्वारा चुने गए तीन वरिष्ठ मौलवियों में से किसी एक को अगला सर्वोच्च नेता घोषित कर सकती है।

"खामेनेई के जीवन का सबसे कठिन दौर"

अमेरिकी थिंक टैंक कारनेगी एंडावमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के विश्लेषक करीम सादजापौर ने कहा है कि खामेनेई इस वक्त अपने राजनीतिक जीवन के सबसे गंभीर संकट से गुजर रहे हैं। उनके अनुसार, “वह 86 साल के हैं, भूमिगत बंकर में हैं, शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो चुके हैं। उनके शीर्ष सैन्य सलाहकार मारे जा चुके हैं और ईरान अपने ही हवाई क्षेत्र का नियंत्रण खो चुका है, जो अब इजरायली नियंत्रण में है।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान इस संघर्ष से निकलने का रास्ता खो चुका है न उसके पास सैन्य ताकत बची है, न आर्थिक क्षमता और न ही तकनीकी साधन।

अमेरिका की चेतावनी और ईरान का जवाब

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने एक साझा बयान में कहा कि "ईरान के परमाणु कार्यक्रम को जड़ से खत्म करने" के मकसद से यह हमला किया गया है। अमेरिका ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह शांति का रास्ता चुने या और अधिक विनाश के लिए तैयार रहे।

दूसरी ओर, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में इजरायल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें 80 से अधिक लोग घायल हुए। इजरायली हमले में ईरान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा और एक एम्बुलेंस पर हमले में तीन लोगों की मौत हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला 1980 के ईरान-इराक युद्ध के बाद ईरान पर हुआ सबसे बड़ा सैन्य हमला है, जो पूरे पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें और तेज कर सकता है।

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Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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