अब नहीं बचेगा कुछ! ईरान के जमीन के नीचे दबी थी 'तबाही', अमेरिका ने खोल दी जंग की आखिरी किताब, तीसरे विश्व युद्ध की उलटी गिनती शुरू?

Iran Nuclear Sites: ईरान- इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन सबसे गुप्त परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर जोरदार हमला किया है। जानिए इन परमाणु ठिकानों की पूरी हकीकत।

Gausiya Bano
Published on: 22 Jun 2025 11:22 AM IST (Updated on: 22 Jun 2025 11:31 AM IST)
Iran Nuclear Sites
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Iran Nuclear Sites: ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी आग में अब अमेरिका पूरी तरह से कूद पड़ा है। आज सुबह-सुबह अमेरिका ने ईरान के 3 सबसे खुफिया परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि ये ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, लेकिन ईरान का कहना है कि थोड़ा-बहुत ही नुकसान हुआ है। आपको बता दें कि अमेरिका ने ईरान के जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया है, उनमें नतांज, इस्फहान और फोर्डो शामिल हैं। ऐसे में आइये जानते हैं, ये ठिकाने आखिर इतने अहम क्यों थे, जो अब जंग का नया मैदान बन गए हैं।

पहाड़ों में छिपा था 'मौत का प्लांट' फोर्डो

दुनिया का सबसे रहस्यमय परमाणु प्लांट, फोर्डो निशाने पर है। ईरान के कोम शहर के पास यह जमीन से 80 से 300 फीट नीचे छिपा हुआ था। यहा ईरान ने अपनी परमाणु लैब बना रखी थी। फोर्डो में लगभग 2,000 सेंट्रीफ्यूज मशीनें थीं, जिनमें से कई बेहद एडवांस IR-6 मशीनें थीं। ये मशीनें यूरेनियम को 60% तक शुद्ध कर सकती थीं, जो परमाणु बम बनाने के करीब है। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन का इस पर कंट्रोल था, और माना जाता है कि 2018 में इसे फिर से चालू किया गया था।

फोर्डो की भौगोलिक स्थिति की वजह से यह सबसे ज्यादा सुरक्षित था। दरअसल, यह पहाड़ों के बीच स्थित था, ऐसे में यह प्राकृतिक रूप से सुरक्षित था। इसी वजह से इसे किसी भी हवाई या पारंपरिक हमले से लगभग अजेय माना जाता था। यही वजह थी कि इजरायल ने अब तक इस पर हमला करने की हिम्मत नहीं की थी। लेकिन अमेरिका ने इस बार खास 'मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर बम' (MOPB) बमों का इस्तेमाल किया, जिन्हें 'बंकर बस्टर बम' भी कहते हैं। इन बमों ने धरती के नीचे छिपे इस प्लांट को हिला कर रख दिया है।

नतांज में था 9 परमाणु बमों का यूरेनियम

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने नतांज में भी हमला किया, जो तेहरान से करीब 250 किलोमीटर दूर दक्षिण में है। नतांज को लेकर दावा किया जाता है कि यहां 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद था। कहा जाता है कि नतांज में एडवांस सेंट्रीफ्यूज मशीनें थीं, जो यूरेनियम-235 को शुद्ध करती थीं।

इस्फहान है सबसे बड़ा परमाणु रिसर्च सेंटर

इस्फहान शहर तेहरान से लगभग 350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है, जो ईरान का सबसे बड़ा परमाणु रिसर्च सेंटर है। यहां 3,000 से ज्यादा परमाणु वैज्ञानिक काम करते थे और इसे 1984 में चीन की मदद से बनाया गया था। बताया जाता है कि यहां एक यूरेनियम कंवर्जन फैसिलिटी और एक परमाणु फ्यूल मैनूफैक्च्यूरिंग प्लांट भी था। यहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता था।

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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