ट्रंप ने पार कर दी सारी हदें? खेला AI का खौफनाक खेल, दुनिया रह गई दंग

Trump AI Video: डोनाल्ड ट्रंप ने एक एआई जनरेटेड वीडियो शेयर कर विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें ओबामा को एफबीआई गिरफ्तार करती दिख रही है।

Gausiya Bano
Published on: 21 July 2025 11:13 AM IST (Updated on: 21 July 2025 11:18 AM IST)
Trump AI Video
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Trump AI Video: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवाद को हवा दे दी है। दरअसल, सोमवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "ट्रुथ सोशल" पर एक ऐसा एआई जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को एफबीआई एजेंट गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। यह दृश्य ओवल ऑफिस (राष्ट्रपति कार्यालय) का है, जहां ओबामा को हथकड़ियों में दिखाया गया और ट्रंप पास में बैठकर मुस्कुराते हुए नजर आए।

ओबामा की गिरफ्तारी का वीडियो वायरल

ट्रंप द्वारा शेयर किए गए वीडियो की शुरुआत ओबामा के कथन से होती है, "राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं होता", इसके बाद कई अमेरिकी नेताओं को "कानून सबके लिए बराबर है" कहते हुए दिखाया गया। इसके बाद ओबामा की गिरफ्तारी और जेल में नारंगी कैदी कपड़ों में खड़ा दिखाया गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जो अब चर्चा का विषय बन गया।

असली नहीं, पर ट्रंप ने नहीं दी कोई चेतावनी

ओबामा का यह वीडियो पूरी तरह से नकली और फर्जी है। इसे AI से बनाया गया है, लेकिन ट्रंप ने इसके साथ कोई चेतावनी नहीं दी कि यह फिक्शन है। इसके बाद आलोचकों ने इस हरकत को "बेहद गैरजिम्मेदाराना" करार दिया और कहा कि यह जनता को भ्रमित करने की कोशिश है।

ट्रंप के पुराने आरोप फिर चर्चा में

इस वीडियो को ट्रंप द्वारा ओबामा पर लगाए गए पुराने आरोपों के साथ जोड़ा जा रहा है। हाल ही में ट्रंप ने ओबामा पर "उच्च स्तर की चुनावी धोखाधड़ी" का आरोप लगाया था। उनका दावा है कि ओबामा प्रशासन ने ट्रंप-रूस साजिश की झूठी कहानी बनाई थी, ताकि 2016 के चुनाव के बाद ट्रंप को राष्ट्रपति बनने से रोका जा सके। इस पर खुफिया मामलों की जानकार टुलसी गैबर्ड ने भी दावा किया है कि उनके पास ऐसे "चौंकाने वाले सबूत" हैं, जिससे यह साबित होता है कि ओबामा प्रशासन ने जानबूझकर ट्रंप को फंसाने की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि ओबामा प्रशासन पर मुकदमा चलाया जाए।

खुफिया रिपोर्ट ने कुछ और कहा

इस मामले में अमेरिकी खुफिया विभाग (ODNI) की एक 114 पन्नों की रिपोर्ट ने इन दावों को कमजोर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2016 चुनाव से पहले यह माना गया था कि रूस ने साइबर हमलों के जरिए चुनाव को प्रभावित नहीं किया। यहां तक कि 8 दिसंबर 2016 की रिपोर्ट में कहा गया था कि रूस की गतिविधियों से चुनाव परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ा।

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Gausiya Bano

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मैं गौसिया बानो आज से न्यूजट्रैक में कार्यरत हूं। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। पत्रकारिता में 2.5 साल का अनुभव है। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूजबाइट्स और राजस्थान पत्रिका में काम कर चुकी हूँ।

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