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डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा कमाल, 35 साल पुरानी जंग खत्म, आर्मेनिया और अजरबैजान में हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया-अजरबैजान के बीच 37 साल पुरानी जंग खत्म कराई। व्हाइट हाउस में शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए, दोनों देशों ने सहयोग व शांति का संकल्प लिया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रही 35 साल पुराने जंग को खत्म कर दिया है। दोनों देशों के बीच विवाद इन नागोर्नो-काराबाख को लेकर पिछले 35 सालों से जारी था। बड़े लंबे समय से राष्ट्रपति ट्रंप दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर प्रयासरत थे और आखिरकार शुक्रवार को व्हाइट हाउस में दोनों देशों के नेताओं जिसमें आर्मेनिया के प्रधानमंत्री ने निकोल पशिनयान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ मिलकर एक आधिकारिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप इससे पहले कई बार दावा कर चुके कि उन्होंने दुनिया भर के 6 अलग-अलग इलाकों में चल रही जंग को रुकवा दिया है। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने को लेकर अभी तक उन्हें बिल्कुल भी सफलता नहीं मिली है। लेकिन कॉकस के दो देशों के बीच संघर्ष खत्म कर कर उन्होंने अपनी सफलता का परिचय दे दिया है और इस समझौते के तहत दोनों देशों ने न केवल अपनी पुरानी दुश्मनी को समाप्त करने का फैसला लिया है बल्कि आपस में इकोनामिक कोऑपरेशन और डिप्लोमेटिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी जताई है।
दोनों देशों के नेताओं ने ट्रंप के लिए की नोबेल शांति पुरस्कार की मांग
आर्मेनिया और अजरबैजान के राष्ट्रपति ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप की सराहना करते हुए उनको धन्यवाद किया। अजरबैजान के राष्ट्रपति पति ने तो यहां तक कह दिया कि अगर ट्रंप को नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा तो फिर किसे मिलेगा?
अब तक 6 वैश्विक संघर्षों को रोकने का दावा कर चुके हैं ट्रंप
जनवरी से अपने दूसरे कार्यभार को संभालने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 अन्य देशों के बीच चल रहे युद्ध को रोकने का दावा किया है इसमें शामिल है:
भारत-पाकिस्तान
थाईलैंड-कंबोडिया
इजराइल-ईरान
रवांडा-कांगो
सर्बिया-कोसोवो
इजिप्ट-इथोपिया
क्या है नागोर्नो-काराबाख विवाद
पूर्व में सोवियत संघ का हिस्सा रहे आर्मीनियों और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से तनाव बना हुआ था। अंतरराष्ट्रीय तौर पर नागोर्नो-काराबाखका इलाका अज़रबैजान का माना जाता है। लेकिन यहां पर आर्मेनिया मूल के लोगों की आबादी सबसे ज्यादा है। एक तरफ जहां आर्मेनिया के लोग क्रिश्चियन है वही अजरबैजान के लोग तुर्क मूल की मुस्लिम है। इसी वजह से समय-समय पर दोनों पक्ष एक दूसरे पर धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाते हैं। अब कल व्हाइट हाउस में समझौते के बाद उम्मीद जताई जा रही है सेंट्रल एशिया के दोनों देशों में लंबे समय से चल रहा है संघर्ष समाप्त होगा दोनों देश था शांति कायम हो।
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