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अब रूस का होगा यूक्रेन! अमेरिका एक फैसले से झूम उठे पुतिन कहा- बस अब खत्म हुआ युद्ध
Russia Ukraine War: जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंच रहा है, वैश्विक कूटनीति और सैन्य समीकरण और भी जटिल होते जा रहे हैं।
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल हो चुके हैं और इस बीच अमेरिका से आई एक बड़ी खबर ने समीकरणों को हिला दिया है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने अपने सैन्य भंडार की घटती मात्रा को देखते हुए यूक्रेन को भेजे जा रहे हथियारों की आपूर्ति फिलहाल रोक दी है। इस फैसले का रूस ने खुले तौर पर स्वागत किया है।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब जून में रूस ने यूक्रेन पर रिकॉर्ड 5,337 ड्रोन हमले किए, जो अब तक का सबसे बड़ा मासिक हवाई हमला है। अमेरिका की इस ‘सामरिक समीक्षा’ नीति के कारण अब यूक्रेन को फिलहाल पेट्रियट मिसाइल सिस्टम, स्टिंगर और हेलफायर मिसाइलें, साथ ही F-16 से दागी जाने वाली AIM मिसाइलें नहीं मिल पाएंगी।
रूस ने कहा- युद्ध के अंत के करीब
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "यूक्रेन को जितना कम सैन्य समर्थन मिलेगा, युद्ध उतनी जल्दी समाप्त होगा।" उन्होंने अमेरिकी फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘सही दिशा में एक कदम’ बताया।
व्हाइट हाउस का बचाव, यूक्रेन की चिंता
व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी एना केली ने कहा, यह फैसला अमेरिका की सुरक्षा प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर लिया गया है। हमारी सैन्य क्षमता पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावशाली बनी हुई है यदि किसी को शक है तो ईरान से पूछ ले। हालांकि, दूसरी ओर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका से बार-बार अपील की है। उन्होंने कहा, “हम हर स्तर पर अमेरिका से संपर्क में हैं, क्योंकि हमें वायु सुरक्षा प्रणाली की सख्त जरूरत है।”
यूक्रेन को एक और बड़ा झटका, उत्तर कोरिया भेजेगा और सैनिक
हथियारों की आपूर्ति रुकने के बीच यूक्रेन को एक और बड़ा झटका लगा है। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया रूस को 30,000 अतिरिक्त सैनिक भेजने की तैयारी में है। यह संख्या पिछले वर्ष भेजे गए सैनिकों से तीन गुना ज्यादा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये सैनिक कब्ज़े वाले यूक्रेनी इलाकों में प्रमुख सैन्य अभियानों में भाग लेंगे।
अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में खटास, NATO भी चिंतित
इस घटनाक्रम से अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में तनाव की झलक साफ दिख रही है। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कीव में अमेरिकी राजनयिक को तलब कर सख्त संदेश दिया है कि अगर हथियारों की आपूर्ति में देरी हुई तो इसका फायदा सीधे रूस को मिलेगा। NATO प्रमुख मार्क रूटे ने अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को तो समझा, लेकिन दो टूक कहा, यूक्रेन को इस वक्त बिना देरी के पूर्ण समर्थन की ज़रूरत है।
जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंच रहा है, वैश्विक कूटनीति और सैन्य समीकरण और भी जटिल होते जा रहे हैं। अमेरिका के फैसले का असर सिर्फ यूक्रेन पर नहीं, बल्कि पूरी पश्चिमी रणनीति पर पड़ सकता है।
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