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स्थानीय निकायों को सशक्त बनाना ज़रूरी: रघुराम राजन - पूर्व गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
Policy Shift Needed: रघुराम राजन ने कहा, अब विकास के लिए स्थानीय निकायों को मिलना चाहिए सीधा अधिकार और संसाधन।
Policy Shift Needed - Finance Commission India (Photo -Social Media)
Policy Shift Needed: भारत एक बड़ा और विविधताओं से भरा देश है जहां सच्चा विकास तभी संभव है जब ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों को सशक्त बनाया जाए। अक्सर योजनाएं और वित्तीय संसाधन राज्य सरकारों तक ही सीमित रह जाते हैं, जिससे ज़मीनी स्तर पर समस्याओं का समाधान मुश्किल हो जाता है। इसी संदर्भ में पूर्व रिज़र्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि 16वें वित्त आयोग को केवल राज्यों पर नहीं बल्कि नगर निकायों और पंचायतों पर भी ध्यान देना चाहिए। उनका मानना है कि स्थानीय सरकारों को ज़्यादा अधिकार और संसाधन दिए जाने चाहिए ताकि वे आम जनता की समस्याओं का सीधा समाधान कर सकें।
स्थानीय शासन को अधिक अधिकार और संसाधन देने की ज़रूरत :
रघुराम राजन ने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है जब राज्यों से आगे बढ़कर स्थानीय निकायों को भी अधिक फंड दिए जाएं। उनका कहना है कि पहले की वित्त आयोगों ने केंद्र से राज्यों को अधिक धन देने की सिफारिश की थी, लेकिन अब जरूरत है कि वही प्रक्रिया राज्यों से स्थानीय निकायों तक भी अपनाई जाए।
उन्होंने कहा कि जब तक गांवों और नगरपालिकाओं को पर्याप्त संसाधन नहीं मिलते, तब तक विकास की असली गति नहीं बढ़ सकती। उनका मानना है कि ज़मीनी समस्याएं जैसे स्वच्छता, जल प्रबंधन, स्थानीय शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं स्थानीय निकाय ही बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।
राजन ने अमेरिका और चीन का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां पर स्थानीय सरकारों के पास अधिक कर्मचारी और संसाधन होते हैं। इसके कारण वे तेजी से निर्णय लेते हैं और सेवाएं प्रदान करते हैं, जो भारत में स्थानीय निकायों की कमी के कारण मुश्किल होता है।
वित्त आयोग की भूमिका और कर वितरण पर चर्चा :
16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि अधिकांश राज्यों ने केंद्र से कर वितरण में अपना हिस्सा बढ़ाने की मांग की है। वर्तमान में राज्यों को केवल 41 प्रतिशत हिस्सा मिलता है, जबकि केंद्र सरकार 59 प्रतिशत कर राजस्व अपने पास रखती है। राज्यों की मांग है कि यह हिस्सा 50 प्रतिशत किया जाए।
भारतीय संविधान के अनुसार, वित्त आयोग की जिम्मेदारी सिर्फ राज्यों को फंड देने की नहीं है, बल्कि स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति को भी मज़बूत करना उसकी भूमिका में शामिल है। यह आयोग समय-समय पर राज्यों को सिफारिश करता है कि वे अपने यहां की नगरपालिकाओं और पंचायतों को कैसे बेहतर वित्तीय सहायता प्रदान करें।
रोज़गार, उत्पादन और रणनीतिक संसाधनों पर राजन की चिंता :
राजन ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी PLI योजना पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अभी तक यह योजना रोज़गार में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं ला पाई है, हालांकि भारत मोबाइल फोन निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि रोज़गार से जुड़े आंकड़े अब भी यह नहीं दिखाते कि PLI योजना ने रोज़गार सृजन में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को ऐसे क्षेत्रों में उत्पादन करना चाहिए जहां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटें पैदा हो सकती हैं।
राजन ने चिप निर्माण को लेकर भारत की रणनीतिक स्थिति पर बात की। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कोई देश भारत की चिप आपूर्ति रोक दे तो इसके गंभीर आर्थिक प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम देश के भीतर ही आवश्यक चिप्स और सामग्रियों का भंडार बनाए रखें।
चीन द्वारा रेयर अर्थ मटेरियल के निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर पूछे गए सवाल पर राजन ने कहा कि भारत को यह देखना होगा कि किन क्षेत्रों में हम दूसरों पर निर्भर हैं और उन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता कैसे पाई जाए।
उन्होंने बताया कि कश्मीर में रेयर अर्थ मटेरियल्स के भंडार हैं। अगर इनका उपयोग किया जाए तो न केवल आर्थिक रूप से लाभ होगा बल्कि कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे सामाजिक और रणनीतिक स्थिरता को बल मिलेगा।
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