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युद्ध का विश्व व्यवस्था पर प्रलयंकारी प्रभाव: आँकड़ों की कहानी

Impact of War: 2023 तक का आँकड़ा: यूक्रेन संघर्ष में 10,000+ नागरिक मृत, सीरिया युद्ध में 3.5 लाख से अधिक मौतें (UNOCHA)।

Ankit Awasthi
Published on: 24 Jun 2025 8:07 PM IST
The Catastrophic Impact of War on World Order A story of statistics
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The Catastrophic Impact of War on World Order A story of statistics

Impact of War: युद्ध मानव सभ्यता का सबसे विनाशकारी उपकरण है। यह न केवल तात्कालिक जान-माल का नुकसान करता है, बल्कि वैश्विक व्यवस्था की नींव को हिला देता है। आइए इसके 5 प्रमुख प्रभावों को आँकड़ों के साथ समझें:

1. मानवीय त्रासदी: जीवन का अँधेरा

2023 तक का आँकड़ा: यूक्रेन संघर्ष में 10,000+ नागरिक मृत, सीरिया युद्ध में 3.5 लाख से अधिक मौतें (UNOCHA)।

विस्थापन: दुनिया में 11.4 करोड़ लोग युद्ध के कारण बेघर (UNHCR 2023)।

बाल पीड़ा: यमन में 85,000+ बच्चे अकाल से मरे (यूनिसेफ)।

"युद्ध में सबसे पहले मरती है मानवता" – विश्व शांति सम्मेलन 1945

2. आर्थिक ध्वंस: अरबों का सूपड़ा

यूक्रेन युद्ध का नुकसान: $1 ट्रिलियन से अधिक वैश्विक विकास को झटका (विश्व बैंक)।

रक्षा व्यय: विश्व ने 2023 में $2.4 ट्रिलियन हथियारों पर खर्च किए (SIPRI रिपोर्ट)।

अप्रत्यक्ष नुकसान: ऊर्जा संकट से यूरोप को $1 ट्रिलियन का झटका (IMF)।

3. वैश्विक व्यवस्था का क्षरण

संयुक्त राष्ट्र की विफलता: 2022-23 में 5 बार वीटो का दुरुपयोग (रूस-यूएस)।

नए गुटबाजी: BRICS vs G7 का टकराव, वैश्विक व्यापार 3.5% घटा (WTO)।

कूटनीतिक विश्वासघात: 60% देशों ने कहा - "अंतरराष्ट्रीय कानून मर चुका है" (Pew सर्वे)।

4. पर्यावरणीय प्रलय

कार्बन उत्सर्जन: यूक्रेन युद्ध ने 12 महीने में 120 मिलियन टन CO₂ छोड़ा (यूरोपियन क्लाइमेट फाउंडेशन)।

विषैला प्रदूषण: इराक में यूरेनियम हथियारों से 40% जन्मजात विकलांगता (WHO)।

जैव विविधता: यमन में 90% मधुमक्खियाँ नष्ट, कृषि तबाह।

5. सामाजिक-सांस्कृतिक विखंडन

शिक्षा का पतन: सीरिया में 50% स्कूल ध्वस्त (यूनेस्को)।

सांप्रदायिक घृणा: म्यांमार में रोहिंग्या संकट के बाद 80% बौद्ध-मुस्लिम दुश्मनी (एमनेस्टी)।

सांस्कृतिक नरसंहार: यूक्रेन में 200+ ऐतिहासिक स्थल नष्ट (यूनेस्को)।

तुलनात्मक आँकड़ों की तालिका:

युद्ध का वैश्विक प्रभाव: तुलनात्मक आँकड़े (2019 vs 2023)

1. वैश्विक गरीबी:

2019: 8.4% (लगभग 65 करोड़ लोग)

2023: 9.8% (लगभग **85 करोड़ लोग)

स्रोत: विश्व बैंक, UNESCAP

2. शरणार्थी/विस्थापित लोग:

2019: 7.9 करोड़

2023: 11.4 करोड़

स्रोत: UNHCR ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट

3. खाद्य असुरक्षा:

2019: 13.5 करोड़ लोग

2023: *34.5 करोड़* लोग

स्रोत: UN-FAO (State of Food Security 2023)

4. सामाजिक अविश्वास:

2019: 48% लोग संस्थाओं पर भरोसा करते थे

2023: 68% लोगों का भरोसा घटा

स्रोत: एडेलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर

मुख्य निष्कर्ष:

3 साल में 50+ नए संघर्षों के कारण:

20 करोड़ अतिरिक्त लोग गरीबी में धकेले गए।

3.5 करोड़ नए लोग भुखमरी के शिकार हुए।

वैश्विक एकता में 20% गिरावट आई।

विश्व व्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव:

1. शक्ति संतुलन बदलाव: अमेरिकी वर्चस्व घटा, चीन-रूस गठजोड़ मजबूत।

2. अराजकता का युग: छोटे देशों में सैन्य शासन (साहेल क्षेत्र में 5 तख्तापलट)।

3. नव-उपनिवेशवाद: युद्धग्रस्त देशों पर कर्ज़ का जाल (श्रीलंका, पाकिस्तान)।

आशा की किरण: शांति के प्रयास

कोलंबिया शांति समझौता: 50 वर्षीय गृहयुद्ध समाप्त → हिंसा 97% घटी।

UN ट्रीटी: 66 देशों ने न्यूक्लियर वेपन्स पर प्रतिबंध स्वीकारा (2021)।

भारत का मंत्र: "शस्त्र से नहीं, शास्त्र से समाधान" – विश्व में योग/आयुर्वेद का प्रसार।

“युद्ध कभी अंतिम समाधान नहीं होता, वह तो अगले संघर्ष का बीजारोपण है। “

महात्मा गाँधी

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