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कांग्रेस ने राज्यपाल आनंदीबेन के कार्यकाल पर उठाएं सवाल, संवैधानिक मर्यादाओं का हो रहा उल्लंघन, राष्ट्रपति कार्यालय मौन क्यों ?
UP Congress: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन और पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय ने राज्यपाल के कार्यकाल को लेकर गहरी चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रपति भवन से स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की है।
UP Governor Anandiben Patel (Photo: Social Media)
UP Congress: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल को लेकर कई गंभीर सवाल और आरोप एक बार फिर चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन और पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय ने राज्यपाल के कार्यकाल को लेकर गहरी चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रपति भवन से स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की है। डॉ. राय सीपी ने आरोप लगाया आनंदीबेन पटेल का न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है।
कुछ जरूरी सवालों को दबाया जा रहा
गुजरात की मुख्यमंत्री रहते हुए पाटीदार आंदोलन और उनकी बेटी अनार पटेल से जुड़ा गीर में जमीन आवंटन का मामला छवि पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने इन मामलों को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट की है। उत्तर प्रदेश में आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल के पांच वर्ष 29 जुलाई 2024 को पूरे हो चुके हैं, लेकिन राष्ट्रपति कार्यालय या गृह मंत्रालय की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनका कार्यकाल क्यों और कैसे बढ़ाया गया। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए सवाल उठाया कि क्या यह जानबूझकर की गई चुप्पी है। ताकि कुछ असहज सवालों को दबाया जा सके?
जमीन सौदों में अनियमितता के आरोप
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल के दौरान उनके परिवार के सदस्यों, खासतौर पर बेटी और दामाद से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियों व जमीन सौदों में अनियमितता के आरोप सामने आए हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में नियुक्तियों को लेकर भी पारदर्शिता की कमी और पक्षपात के आरोप लगे हैं। राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद से निष्पक्षता, पारदर्शिता और मर्यादा की अपेक्षा होती है, लेकिन आनंदीबेन पटेल का कार्यकाल मापदंडों पर खरा नहीं उतरता। उन्होंने राज्यपाल द्वारा कानून-व्यवस्था और बुलडोजर नीति जैसे विवादास्पद मुद्दों पर दिए गए बयानों को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि यह एक संवैधानिक पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है।
कार्यकाल विस्तार की स्थिति स्पष्ट हो
डॉ. सीपी राय ने केंद्र सरकार और राष्ट्रपति भवन से मांग की है कि आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल विस्तार की स्थिति स्पष्ट की जाए, यदि कार्यकाल पूरा हो चुका है तो नए राज्यपाल की नियुक्ति में देरी का कारण बताया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि आनंदीबेन पटेल और उनके परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके राज्य का संवैधानिक प्रमुख कितना जवाबदेह और पारदर्शी है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करे और जवाबदेही सुनिश्चित करे।
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