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Mahoba: महोबा में बारिश का कहर: उर्मिल बांध उफना, जलभराव से स्वास्थ्य व व्यापार प्रभावित
Mahoba: मूसलाधार बारिश के चलते उर्मिल बांध उफना, सीएचसी और बाजार जलमग्न, प्रशासन ने गांवों में अलर्ट जारी कर सतर्कता बढ़ाई।
Mahoba News: जनपद में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीती रात से जारी मूसलाधार वर्षा के कारण जहां यूपी-मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित उर्मिल बांध उफान पर आ गया, वहीं जिले के कई इलाकों में जलभराव ने स्वास्थ्य सेवाओं और व्यापार पर असर डाल दिया है।लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग ने रविवार को उर्मिल बांध के सात फाटकों में से पांच फाटक खोलकर अतिरिक्त पानी उर्मिल नदी में छोड़ा।
बांध की अधिकतम जल भंडारण क्षमता 237.43 मीटर है, जो पहले से ही लबालब भरी हुई थी। बारिश के चलते जलस्तर और बढ़ने लगा, जिसके कारण यह कदम उठाना पड़ा। सुरक्षा के मद्देनजर बांध के आसपास के निचले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कैमाहा, फुटेरा, शमशेरा, टपरियन, डिगरिया, ज्योरइया और सिजरिया सहित सीमावर्ती गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।ग्रामीणों, चरवाहों और मछुआरों को नदी के आसपास न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। सिंचाई विभाग और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमें हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। दूसरी ओर, भारी बारिश ने जिले के अंदरूनी हिस्सों में भी बड़ी समस्याएं खड़ी कर दी हैं।
पनवाड़ी ब्लाक अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जलभराव की चपेट में आ गया है। परिसर में पानी भरने से मरीजों और तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि मातृत्व कक्ष तक पहुंचने में गर्भवती महिलाओं को दिक्कत हुई। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है, बल्कि हर बारिश में खेतों का पानी परिसर में घुसकर हालात बिगाड़ देता है। बीते एक महीने में यह पांचवीं बार हुआ है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई हैं।जिलाधिकारी द्वारा पहले समाधान के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी तक कोई स्थाई व्यवस्था नहीं हो सकी है। वहीं पनवाड़ी के बाजार में भी पानी भरा था।
इसी तरह खरेला कस्बे का मुख्य बाजार भी बारिश होते ही तालाब में तब्दील हो जाता है। नालों की सफाई और उचित निकासी व्यवस्था न होने से दुकानों और सड़कों पर पानी भर जाता है। दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक न आने से व्यापार ठप पड़ जाता है। व्यापार मंडल ने कई बार नगर पंचायत से स्थाई समाधान की मांग की, लेकिन लापरवाही के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।कुल मिलाकर, महोबा में बारिश ने दोहरी मार डाली है। एक ओर उर्मिल बांध के उफान से सीमावर्ती गांवों में अलर्ट जारी करना पड़ा है, तो दूसरी ओर जलभराव ने स्वास्थ्य सेवाओं और व्यापार को प्रभावित कर आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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