Sonbhadra News: गहरी खदान में हादसे की भेंट चढ़ा टीपर चालक, ऊंचाई से गिरे पत्थर की चपेट में आकर मौत

Sonbhadra News: बोल्डर लोड करने के लिए, टीपर लेकर खदान में उतरा टीपर चालक ऊंचाई से गिरे पत्थर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 2 Aug 2025 7:45 PM IST
Tipper driver thrown disaster spill in deep quarry, killed after hit by rock falling from height
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गहरी खदान में हादसे की भेंट चढ़ा टीपर चालक, ऊंचाई से गिरे पत्थर की चपेट में आकर मौत (Photo- Newstrack)

Sonbhadra News: सोनभद्र । ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में एक बार फिर सुरक्षा नियमों की अनदेखी जिंदगी पर भारी पड़ी है। बताया जा रहा है कि यहां बोल्डर लोड करने के लिए, टीपर लेकर खदान में उतरा टीपर चालक ऊंचाई से गिरे पत्थर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद, साथ आए खदान संचालन से जुड़े लोग शव को जिला अस्पताल में ही छोड़ कर गायब हो गए। अस्पताल मेमो से मिली सूचना के आधार पर राबटर्सगंज पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस में रखवा दिया। ओबरा पुलिस का कहना था कि मामले में कार्रवाई के लिए तहरीर का इंतजार किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र स्थित खदान, में सुबह लगभग साढ़े आठ बजे के करीब टीपर चालक कैलाश गुप्ता 40 वर्ष पुत्र शिवदास गुप्ता निवासी तेलुगुड़वा टोला पटेहरा थाना चोपन टीपर लेकर खदान में नीचे पहुंचा। बताया जा रहा है कि वह टीपर खड़ा कर जैसे ही, केबिन से नीचे उतरा, अचानक खदान में ऊंचाई से एक पत्थर आ गिरा। उसकी चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि खदान संचालन से जुड़े लोगों का कहना था कि हादसा खदान में नहीं, खदान के बाहर हुआ है।

उधर, हादसे के बाद घायल को आनन-फानन में उपचार के लिए सीएचसी चोपन पहुंचाया गया, जहां हालत नाजुक देख जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना था कि मौत की जानकारी पाकर, साथ आए खदान संचालन से जुड़े लोग वहां से खिसक लिए। प्रभारी निरीक्षक ओबरा राजेश कुमार सिंह के मुताबिक इस प्रकरण में उन्हें अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। जैसे ही तहरीर मिलती है, कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व में बगैर बकाया-क्षतिपूर्ति वसूले खदान सरंडर पर लगा दी गई थी मुहर

लोगों द्वारा जिस खदान जिस खदान में हादसा होने का दावा किया जा रहा है, उस खदान के संचालन के लिए हाल में ही नए पट्टे की मंजूरी दी गई थी। चर्चाओं की मानें तो पूर्व में यह खदान डाला में खदान संचालित करने वाली फर्म की तरफ से संचालित किया जा रहा था लेकिन एनजीटी की सख्ती और नियमों की अनदेखी कर खनन किए जाने के मामले में एनजीटी की तरफ से पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूलने के दिए गए निर्देश के बाद, खदान सरंडर कर दी गई थी।

लोगों का आरोप है कि खदान में बगैर कोई बेंच बनाए गहरी खुदाई की गई थी, इस कारण यह खदान डेंजर जोन सरीखी हालत में तब्दील हो गई थी। लोगों की बातों पर यकीन करें तो सरेंडर करने वाली फर्म से बगैर बकाया, बगेर पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली किए ही, सरेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई और उस फर्म को बगैर अदायगी के पूर्व की भांति डाला क्षेत्र में खनन के लिए परमिट जारी करने की प्रक्रिया बनी रही।

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