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Sonbhadra News: 24 घंटे में 100 मिमी बारिश, कई सड़कों-गलियों में जलजमाव, हाइवे से जुड़ा हिस्सा नहर बना
Sonbhadra News: 24 घंटे की बारिश से जिला मुख्यालय में सड़कें-गलियां डूबीं, जलजमाव से आवागमन ठप, फ्लाईओवर साइड लेन भी नहर में तब्दील।
Sonbhadra 100mm Rain: जिले में शुक्रवार देर शाम से रह-रहकर हो रही बारिश ने कई जगह जलजमाव के साथ ही, बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। दूसरे हिस्सों को छोड़ दी, महज जिला मुख्यालय के नगरीय हिस्से में ही सड़कों-गलियों पर हुए जलजमाव के साथ ही, घरों में घुसे पानी ने हड़कंप मचा दिया है। नगर की शक्ल में तब्दील हुए हाइवे से जुड़े हिस्से से आवागमन भी प्रभावित होना शुरू हो गया है। लगभग 24 घंटे से बनी जलजमाव की स्थिति को लेकर लोगों में नाराजगी की स्थिति है। वहीं, कहीं बारिश का क्रम और न तेज हो जाए.़. इसको लेकर जलजमाव से प्रभावित एरिया में लोगों की धड़कन बढ़ने लगी है।
मुख्यालय के कई हिस्सों में जमा हुए पानी ने कराई फजीहत
जिला मुख्यालय स्थित राबटर्सगंज का नई बस्ती वाला इलाका जल जमाव से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां जहां गलियों की हालत नहर जैसी हो गई है। वहीं, दर्जनों घरों में घुसे पानी ने लोगों को देर रात तक जगाए रखा। शनिवार को लोग पूरे दिन जलजमाव और घरों में पानी घुसने की स्थिति से जूझते रहे। नगर क्षेत्र को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए करोड़ों की लागत से बनाए गए नाले के बाद भी जहां, नगर के कई मोहल्लों, सड़कों‘-गलियों में जलजमाव की स्थिति बनी रही। वहीं, धर्मशाला चौक से मेन चौक पर रोड पर 24 घंटे से अधिक समय तक डेढ़ से दो फीट तक जलजमाव और नगर के मुख्य सड़क की नहर जैसी हालत आवागमन करने वालों के साथ ही, आस-पास के रहवासियों की रूलाई छुड़ाए रही।
साइड लेन पर जमा पानी ने कराई लोगों की खासी फजीहत
सबसे ज्यादा फजीहत वाराणसी-शक्तिनगर मार्गै से जुड़े मुख्यालय के साइड लेने से आवागमन करने वालों और इसके आस-पास के रहवासियों को झेलनी पड़ रही है। एक तरफ जहां फ्लाईओवर के दक्षिणी छोर के हाइवे की तला-तलैया जैसी दिखती शक्ल लोगों को अजीब एहसास कराई रही। वहीं, हाइवे से गुजर रहे छोटे वाहन चालकों-संचालकों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ा। कई लोगों के वाहन पानी के बीच बंद होने के कारण, गैरेज पहुंच गए। वहीं, गंतव्य के लिए जा रहे लोगों को या तो दूसरे वाहन का सहारा लेना पड़ा या फिर मायूस होकर वापस घर के लिए लौटना पड़ा। पूरे दिन यहां, पानी से जूझने का नजारा रखा। वहीं, तमाम लोग हाइवे पर ताल-तलैया जैसे दिखते नजारे का लुत्फ उठाते हुए, एक अलग ही अंदाज में, हालात और सरकार दोनों को लेकर चर्चा में मशगूल रहे।
जलजमाव के समय समाधान का मिलता है भरोसा, फिर लोग जाते हैं भूल
वर्श 2016 में हाइवे का निर्माण पूरा होने के साथ ही नगर के भीतरी नालियों का हाइवे के नालियों से जुड़ाव न होने, सड़क की दूसरी तरफ होने वाली जल निकासी प्रभावित होने के बाद से जलजमाव की स्थिति जिला मुख्यालय के लिए कभी न खत्म होने वाली मुसीबत बन चुकी है। 2017 से सूबे में बीजेपी की सरकार है और राबटर्सगंज तथा घोरावल विधानसभा की एरिया में आने वाले हाइवे के दोनों तरफ के हिस्सों पर लगातार भाजपा का कब्जा भी बरकरार है। बावजूद, बारिश के समय आश्वासनों-जल्द समाधान का भरोसा देने की झड़ी लगाने वाले अफसरों-जनप्रतिनिधियों के लिए बारिश का दौर बीतते ही लोगों को होने वाली परेशानी बेमानी सी हो जाती है।
हाइवे का अनोखा फ्लाईओवर साइड लेन की स्थिति को लेकर वर्षों से है चर्चा में
अपने अनोखे फ्लाईओवर ओवर निर्माण को लेकर चर्चा में रहने वाले हाइवे का मुख्यालय स्थित साइड लेन जरा सी बारिश के समय नहर की शक्ल में तब्दील नजर आता है। वहीं, तीन किमी लंबे फ्लाईओवर के साइड लेन की आधे से अधिक हिस्से परं डेढ़ से दो फुट तक जलजमाव तथा बारिश के समय फ्लाईओवर से सीधे झरने की शक्ल मे गिरता पानी वर्शों से मुसीबत बना हुआ है। इसको लेकर डीएम-एसडीएम स्तर से भी कई बार निर्देश जारी किए गए। बावजूद, उपसा के नियंत्रण वाले इस साइड लेन की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही। अलबत्ता प्रत्येक वर्श पहली अप्रैल से, सड़क पर चलने के एवज में वाहन चालकों-संचालकों से ली जाने वाली धनराशि में बढ़ोत्तरी का क्रम साल दर साल जारी है।
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