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कोई प्रोफेसर तो कोई सेना का जवान..., कौन हैं प्रेमानंद महाराज संग हर क्षण दिखने वाले ये पांच ‘पांडव’
परिक्रमा और आश्रम में हर क्षण प्रेमानंद महाराज के साथ पांच ‘शिष्य’ जरूर दिखायी देते हैं।
Saint Premananda Maharaj Five Disciples
Saint Premananda Maharaj Five Disciples: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के वृंदावन में रहने वाले संत प्रेमानंद महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनकी ख्याति दूर देशों में फैली हुई है। प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए आम से लेकर खास तक हर कोई उनके आश्रम पहुंचता है। वह अपने प्रवचनों के माध्यम से अपने शिष्यों का मार्गदर्शन करते हैं। प्रेमानंद महाराज परिक्रमा भी करते हैं।
उस परिक्रमा के दौरान और आश्रम में हर क्षण उनके साथ पांच ‘शिष्य’ जरूर दिखायी देते हैं। महाराज अपने पांचों शिष्यों को ‘पांडव’ कहकर भी संबोधित करते हैं। इन कोई डिग्री कॉलेज का प्रोफेसर है तो सेना को अधिकारी। प्रेमानंद महाराज के ये पांचों शिष्य अलग-अलग फील्ड से है। लेकिन महाराज से एक मुलाकात ने इन सभी की जिंदगी को बदल कर रख दिया। आइए जानते हैं कौन हैं प्रेमानंद महाराज के ये पांच शिष्य।
भारतीय सेना में रह चुके हैं नवल नागरी बाबा
प्रेमानंद महाराज के शिष्यों में एक हैं नवल नागरी बाबा। पंजाब के पठानकोट के रहने वाले नवल नागरी बाबा का असली नाम गुप्त है। भारतीय सेना में वह 2008 से लेकर 2017 तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 2016 में कारगिल में तैनाती के दौरान उन्होंने प्रेमानंद महाराज के प्रवचन को सुना। जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और संत बन गये। वह हमेशा प्रेमानंद महाराज के साथ ही नजर आते हैं और राधा केलिकुंज आश्रम की व्यवस्थाओं को संभालते हैं।
श्यामा शरण बाबा से प्रेमानंद महाराज का खास संबंध
संत प्रेमानंद महाराज के शिष्यों में एक नाम श्यामा शरण बाबा का भी है। इस शिष्य से महाराज का खास संबंध है। श्यामा शरण बाबा प्रेमानंद महाराज के भाई के पुत्र और उनके भतीजे हैं। उनका जन्म कानपुर के अखीर गांव में ही हुआ है। वह बचपन से ही महाराज के साथ रहे और फिर वह भी संन्यासी हो गये।
असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके हैं महामधुरी बाबा
संत प्रेमानंद महाराज के साथ प्रातः दर्शन और वीडियो में उनके साथ दिखायी देने वाले महामधुरी बाबा असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके हैं। वह पीलीभीत जनपद के रहने वाले हैं। महामधुरी बाबा के भाई ने महाराज से उनकी मुलाकात करायी थी। महाराज से मिलने के बाद वह जीवन से विरत हो गये और प्रोफेसर की नौकरी छोड़ साधु वेष धारण कर लिया।
करियर छोड़ सेवा में लीन हुए अलबेलीशरण बाबा
प्रेमानंद महाराज के साथ नजर आने वाले अलबेलीशरण बाबा संत बनने से पहले सफल चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) रह चुके हैं। वह दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अलबेलीशरण बाबा के पिता, ताऊ और बहन भी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स थे। महाराज के सत्संग से वह इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने धन-संपत्ति और करियर को छोड़ साधु जीवन अपना लिया। इसके बाद राधा रानी की सेवा में तल्लीन हो गए।
फुटवियर व्यवसाय महाराज की शरण में पहुंचे आनंद प्रसाद बाबा
प्रेमानंद महाराज के शिष्यों में से एक हैं आनंद प्रसाद बाबा। उन्होंने फुटवियर व्यवसाय को छोड़ महाराज की शरण ले ली। वह प्रेमानंद महाराज के साथ प्रवचनों में भी दिखते हैं। दिल्ली के रहने वाले आनंद प्रसाद बाबा का बड़ा फुटवियर का व्यवसाय था, जिसे उन्होंने त्याग दिया।
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