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अब चुप नहीं बैठेगा यूक्रेन! चार बमों ने बना दी जेल को कब्रगाह, रूस ने बरसाए मौत के बम, 17 कैदियों की मौके पर जलकर मौत
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग में आया खौफनाक मोड़। रूस ने जापोरिजिया की जेल पर रात के अंधेरे में बरसाए बम, 17 कैदियों की दर्दनाक मौत, 80 से ज्यादा घायल।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग अब उस मोड़ पर पहुंच गई है, जहां सिर्फ सीमा नहीं, बल्कि इंसानियत भी लहूलुहान हो रही है। सोमवार की रात यूक्रेन में जो हुआ, वो न सिर्फ दिल दहला देने वाला है, बल्कि यह युद्ध की परिभाषा को भी बदलने वाला है। रूस ने यूक्रेन के जापोरिजिया क्षेत्र में एक जेल को निशाना बनाकर ऐसा हवाई हमला किया, जिससे जेल का भोजन कक्ष खाक हो गया, प्रशासनिक इमारतें चरमराकर गिर पड़ीं और कम से कम 17 कैदी मौत की नींद सो गए। वहीं, 80 से ज्यादा घायल हैं जिनमें 42 की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। जेल, जो कैदियों के लिए सुधारगृह होती है, वह अचानक कब्रगाह में बदल गई और यह सब हुआ सिर्फ कुछ ही सेकंड्स में।
चार बम, एक ही निशाना
यूक्रेन की ‘स्टेट क्रिमिनल एग्जीक्यूटिव सर्विस’ के मुताबिक, यह हमला सोमवार देर रात हुआ। हमले के दौरान रूस की ओर से चार बम जेल परिसर पर गिराए गए। इन बमों ने सबसे पहले भोजन कक्ष को पूरी तरह तबाह किया। प्रशासनिक भवन भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि जेल की बाउंड्री और बाड़ सुरक्षित बची, और अभी तक किसी कैदी के भागने की सूचना नहीं है। तो सवाल उठता है – क्या ये हमला जेल में बंद किसी खास कैदी को निशाना बनाकर किया गया था? या फिर यह डर फैलाने की एक रणनीति थी?।
युद्ध नहीं, युद्ध अपराध
यूक्रेन ने इस हमले की तीखी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत युद्ध अपराध (War Crime) करार दिया है। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि किसी भी हालत में कारागार जैसे असैन्य ढांचों पर हमला अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। इस मामले को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया जा सकता है, क्योंकि यह हमला सिर्फ एक जेल नहीं, बल्कि पूरे मानवाधिकार ढांचे पर सीधा हमला है।
रूस को मिला यूक्रेन का जवाब
हालांकि रूस के इस हमले से पहले ही यूक्रेन भी आक्रामक हो चुका था। स्टावरोपोल क्षेत्र में यूक्रेनी ड्रोन ने एक रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संयंत्र को निशाना बनाया था। इस संयंत्र में रूस बड़े पैमाने पर रडार, रेडियो नेविगेशन और रिमोट कंट्रोल युद्ध उपकरण तैयार करता था। यूक्रेनी ड्रोन की स्ट्राइक इतनी सटीक थी कि इस संयंत्र को भारी नुकसान हुआ। यानि, ये खेल अब पलटवार और जवाबी हमलों का बन चुका है – और जब दोनों ओर से कोई पीछे हटने को तैयार नहीं, तो विनाश निश्चित है।
जेल में हुए कत्लेआम से बदलेगा युद्ध का मिजाज?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जेल पर हुए इस ‘अमानवीय हमले’ के बाद क्या यूक्रेन अब किसी नई रणनीति के साथ रूस पर पलटवार करेगा? या क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस जंग के विरुद्ध कोई बड़ी कार्रवाई करेगा? क्योंकि एक ओर जहां रूस अपनी सैन्य शक्ति का दम दिखा रहा है, वहीं यूक्रेन की जनता, उसकी जेलें और बुनियादी ढांचे रोज-रोज टूट रहे हैं। अब जब असैन्य ठिकाने भी सुरक्षित नहीं रहे, तो क्या यूक्रेन की प्रतिक्रिया और भी उग्र होगी?।
जंग अब इंसानियत की हदें पार कर चुकी है
रूस और यूक्रेन की ये लड़ाई अब सिर्फ ज़मीन के एक टुकड़े की लड़ाई नहीं रह गई है। ये अब इंसानियत, मानवाधिकार और सभ्यता की आखिरी लड़ाई बन चुकी है। जब एक जेल को टारगेट करके 17 कैदियों की जान ले ली जाती है तो सवाल ये नहीं होता कि कौन जीतेगा या कौन हारेगा, सवाल ये होता, क्या हम अब भी इंसान हैं? दुनिया की आंखें अब फिर यूक्रेन पर टिकी हैं, और इंतज़ार है यूक्रेन का अगला कदम क्या होगा और रूस की ये रणनीति कब थमेगी?।
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