शी जिनपिंग छोड़ेंगे सत्ता! 13 साल बाद चीन में बड़ा धमाका तय? चीन में मची खलबली

Xi Jinping stepping down: चीन की राजधानी बीजिंग में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की एक बैठक में जो बातें सामने आईं, वो ना सिर्फ चौंकाने वाली थीं, बल्कि शी जिनपिंग के 13 साल के बेजोड़ साम्राज्य के भविष्य को लेकर भी गंभीर संकेत छोड़ गईं।

Harsh Srivastava
Published on: 6 July 2025 7:43 PM IST
शी जिनपिंग छोड़ेंगे सत्ता! 13 साल बाद चीन में बड़ा धमाका तय? चीन में मची खलबली
X

Xi Jinping stepping down: क्या दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार शी जिनपिंग अब सत्ता की गद्दी छोड़ने की तैयारी में हैं? क्या चीन में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है? और क्या ये सब अचानक हो रहा है या इसके पीछे छिपा है एक बेहद शातिर गेम प्लान? बीजिंग की दीवारों के पीछे इस वक्त जो हलचल मची है, वह ना सिर्फ चीन को बल्कि पूरे विश्व को हिला देने वाली है।

बीजिंग से आई वो खबर जिसने सत्ता के गलियारों में मचा दी खलबली

चीन की राजधानी बीजिंग में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की एक बैठक में जो बातें सामने आईं, वो ना सिर्फ चौंकाने वाली थीं, बल्कि शी जिनपिंग के 13 साल के बेजोड़ साम्राज्य के भविष्य को लेकर भी गंभीर संकेत छोड़ गईं। इस बार बैठक में 'पावर डिस्ट्रिब्यूशन', 'डेली ड्यूटीज़' और 'लीडरशिप रोल शेयरिंग' जैसे शब्द खुलेआम बोले गए। वो भी उस शख्स की अध्यक्षता में जिसने अब तक सत्ता अपने मुट्ठी में कसकर पकड़ी हुई थी। शी जिनपिंग अब कम्युनिस्ट पार्टी की प्रमुख संस्थाओं को अहम अधिकार सौंपने की तैयारी में हैं। यह पहला मौका है जब खुद शी ने नेतृत्व को ‘बांटने’ की बात खुले मंच पर मानी है। और यही है उस सुनामी की पहली लहर, जो आने वाले सालों में चीन की सत्ता को झकझोर सकती है।

काम का बोझ या सत्ता से मोहभंग?

सवाल ये उठता है कि क्या शी जिनपिंग वास्तव में सत्ता छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, या ये सिर्फ एक दिखावटी छाया है, जिसके पीछे कुछ और चल रहा है? एक्सपर्ट्स इस पर दो हिस्सों में बंटे हुए हैं। कुछ कहते हैं कि 72 वर्षीय जिनपिंग अब 2027 में तीसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद रिटायर होने की जमीन तैयार कर रहे हैं। वहीं कुछ का मानना है कि ये उनका ‘वर्कलोड मैनेजमेंट प्लान’ है, ताकि बड़े अंतरराष्ट्रीय फैसलों और भू-राजनीतिक रणनीतियों पर वो ज्यादा फोकस कर सकें। लेकिन इतना तो तय है कि यह बदलाव सामान्य नहीं है। जिनपिंग, जिन्होंने कभी भी अपनी सत्ता को बांटने का संकेत नहीं दिया था, अब कह रहे हैं कि पार्टी के निर्णय लेने वाले निकायों को "ज्यादा जिम्मेदारी" दी जाए। और अगर यह बदलाव सिर्फ पावर डेलीगेशन होता, तो इतना शोर नहीं होता — लेकिन मामला इससे कहीं ज्यादा गहरा है।

माओ के बाद जिनपिंग: और अब क्या?

माओत्से तुंग के बाद शी जिनपिंग चीन के सबसे ताकतवर नेता बने। उन्होंने पार्टी महासचिव, राष्ट्रपति और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख के रूप में वो सभी कुर्सियां अपने पास रखीं, जिनसे चीन की असली ताकत निकलती है। लेकिन अब वो कहते हैं कि पार्टी को और नेताओं को मौका मिलना चाहिए? यह क्या संकेत है? क्या शी जिनपिंग के भीतर कहीं कुछ टूट रहा है? या फिर पार्टी के भीतर दबाव इतना बढ़ चुका है कि उन्हें अब सत्ता के कुछ हिस्से दूसरों को सौंपने ही पड़ रहे हैं? चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था इस वक्त दबाव में है, बेरोजगारी बढ़ रही है, विदेश नीति को लेकर पश्चिमी देशों से लगातार टकराव हो रहा है और अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के नए दौर शुरू हो चुके हैं। ऐसे में शी जिनपिंग का झुकना, क्या चीन के भीतर बड़े राजनीतिक तूफान की आहट है?

2027 का एजेंडा: सत्ता छोड़ेंगे या नया शॉक देंगे?

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विक्टर शिह का कहना है कि जिनपिंग अभी से 2027 की तैयारी कर रहे हैं। अगर वो रिटायर होते हैं, तो ये चीन की राजनीतिक व्यवस्था में एक शांत क्रांति होगी। लेकिन अगर वह चौथे कार्यकाल के लिए फिर मैदान में उतरते हैं, तो यह वैश्विक राजनीति के लिए एक नया धमाका होगा। दोनों ही संभावनाएं इतनी बड़ी हैं कि पूरी दुनिया की निगाहें अब सिर्फ बीजिंग पर टिकी हैं। लेकिन क्या चीन की राजनीतिक संस्कृति में ऐसा खुला ट्रांज़िशन संभव है? याद रखें, जिनपिंग ने 2018 में संविधान बदलवाकर दो कार्यकाल की सीमा खत्म कर दी थी। यह एक ऐसा कदम था जिसने उन्हें ‘सर्वाधिकार प्राप्त शासक’ बना दिया। अब जब वो कह रहे हैं कि वो नेतृत्व बांटने की बात कर रहे हैं, तो यह उन्हीं द्वारा बदले गए उस संविधान और सत्ता ढांचे पर सवाल खड़ा करता है।

कौन होगा अगला सुप्रीमो?

अगर वाकई शी जिनपिंग 2027 में सत्ता से हटते हैं तो अगला सवाल यही होगा अगला चीन का सर्वशक्तिशाली नेता कौन? क्या ली क्यांग को तैयारी का मौका दिया जा रहा है? या फिर किसी और नाम की पार्टी के अंदर गुपचुप चर्चा चल रही है? जिनपिंग के सत्ता में आने से पहले भी ऐसा ही साइलेंट ट्रांज़िशन हुआ था, लेकिन इस बार मामला कहीं ज्यादा पेचीदा और खतरनाक हो सकता है। क्योंकि अगर जिनपिंग हटते हैं, तो चीन की विदेश नीति से लेकर सैन्य नीति तक में बड़े बदलाव आ सकते हैं। और अगर नहीं हटते, तो ये साफ होगा कि उन्होंने पूरी पार्टी को एक बार फिर मात दे दी — और खुद को माओ से भी बड़ा बना लिया।

क्या भारत को चिंता होनी चाहिए?

इस घटनाक्रम का असर भारत और एशिया पर भी पड़ सकता है। जिनपिंग के बाद जो भी नेता आएगा, उसका चीन-भारत नीति पर क्या रुख होगा, यह भविष्य की सुरक्षा और भू-रणनीतिक रणनीतियों के लिहाज़ से बेहद अहम सवाल है। एक और बात ये भी है कि अगर जिनपिंग की पकड़ कमजोर पड़ती है, तो PLA यानी चीन की सेना अपने स्तर पर फैसले लेने लग सकती है — जो और भी ज्यादा खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है।

तूफान की आहट?

शी जिनपिंग का सत्ता बांटना, चाहे रणनीतिक कदम हो या असली रिटायरमेंट की शुरुआत — यह चीन की राजनीति में एक बड़ा ‘पॉवर शिफ्ट’ है। और इतिहास बताता है, जब भी चीन की सत्ता के शिखर पर हलचल होती है, उसका असर पूरी दुनिया की स्थिरता पर पड़ता है। अब सबकी निगाहें सिर्फ एक तारीख पर हैं — 2027। क्या यह जिनपिंग युग का अंत होगा या एक और चौंकाने वाला विस्तार? अभी तो तूफान आने की सिर्फ सरसराहट है, मगर इसकी गूंज बहुत दूर तक सुनाई देगी…।

1 / 9
Your Score0/ 9
Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

Mail ID - [email protected]

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!