GST चोरों पर चला डंडा, लखनऊ से इंदौर तक बोगस फर्मों

GST विभाग ने लखनऊ से इंदौर तक चार फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की। इन फर्मों ने 200 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाकर 36.10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की।

Harsh Sharma
Published on: 5 Sept 2025 11:18 AM IST
GST चोरों पर चला डंडा, लखनऊ से इंदौर तक बोगस फर्मों
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जीएसटी विभाग ने दो दिन के भीतर चार फर्जी फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन फर्मों ने कुल 200 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया, जिससे 36.10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई। सहायक आयुक्त, राज्य कर, डॉ. संजय सिंह ने हसनगंज में गुप्ता ट्रेडर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इस फर्म ने 1 अरब 2 करोड़ 40 लाख 10 हजार 350 रुपये का कारोबार दिखाया और 18.43 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की। जांच के दौरान यह फर्म पंजीकृत पते पर नहीं मिली और सभी दस्तावेज़ फर्जी पाए गए।

शिवेंद्र जायसवाल, सहायक आयुक्त, राज्य कर खंड-17 ने आरएनवी ट्रेडर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस फर्म ने 41.50 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया और 7.86 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की। जांच में फर्म अपने पंजीकृत पते पर नहीं मिली, और आरोप सही पाए गए। इसी तरह, वीरेंद्र कुमार मिश्रा, उपायुक्त, राज्य कर खंड-14 ने ललितपुर स्थित राम इंटरप्राइजेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। फर्म ने 48.99 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया और 8.81 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की। जांच में यह फर्म भी पंजीकृत स्थान पर नहीं पाई गई और सभी दस्तावेज़ फर्जी थे। इन चारों फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।

इंदौर में 150 करोड़ की टैक्स चोरी

भोपाल और इंदौर में बड़ी टैक्स चोरी का मामला सामने आया है, जिसमें करीब 150 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। यह चोरी बोगस बिलिंग के जरिये की जा रही थी। इंदौर के एमआर-5 कॉलोनी स्थित डिसेंट मेडिकल्स पर कार्रवाई जारी है, जहां से दो करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है। इसके अलावा, जो लॉकर सीज किए गए थे, उन्हें जल्द ही खोला जाएगा। ये सब कार्रवाई इनकम टैक्स विभाग की चल रही जांच का हिस्सा है।

आखिर क्यों मारा गया छापा?

इनकम टैक्स विभाग की हाल की छापेमारी का मुख्य उद्देश्य एक बड़े बोगस बिलिंग रैकेट का पर्दाफाश करना था। जानकारी मिली है कि इस रैकेट के जरिए विभिन्न राज्यों और देशों से सस्ते मेडिकल डिवाइस मंगाए जा रहे थे। इसके बाद इन्हें ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा था, जिससे बिचौलियों को भारी मुनाफा हो रहा था। छापेमारी से इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ, और अब अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है।

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