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Lucknow News: बिजली निजीकरण आंदोलन से जुड़े अभियंताओं पर मुकदमा, विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति का मामला भी किया दर्ज

Lucknow News: प्रदेश में बिजली निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन ने अब कानूनी और प्रशासनिक मोड़ ले लिया है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 28 Jun 2025 5:40 PM IST
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Electricity Privatization: प्रदेश में बिजली निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन ने अब कानूनी और प्रशासनिक मोड़ ले लिया है। आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े दो अभियंताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पांच अन्य अभियंताओं पर भी जल्द मुकदमा दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने दोनों अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया है।

सेवाओं को बाधित करने की कोशिश

बिजली निजीकरण विरोधी आंदोलन में शामिल दोनों अभियंताओं पर आरोप है कि उन्होंने न केवल विभागीय कार्यों में बाधा पहुंचाई, बल्कि सार्वजनिक सेवाओं को बाधित करने की कोशिश की है। इन अभियंताओं पर सरकार विरोधी वातावरण बनाने और अधिकारियों को कार्य करने से रोकने के आरोप हैं। दर्ज एफआईआर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आंदोलन के दौरान उकसाने का आरोप लगाया गया है।

आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज

विजिलेंस टीम ने दोनों अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। अभियंताओं के पास घोषित आय की तुलना में कई गुना अधिक संपत्ति मौजूद है, जिसमें नगद, जमीन, जायदाद और बैंक बैलेंस शामिल हैं। इस जांच का दायरा अन्य अभियंताओं तक भी बढ़ाया जा सकता है। जिसने पूरे घटनाक्रम को और अधिक पेचीदा बना दिया है अभियंताओं ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

कॉर्पोरेशन अध्यक्ष की संपत्तियों की जांच

उनके अनुसार वे पूरी तरह आंदोलन की लोकतांत्रिक भावना के तहत काम कर रहे थे, बिजवी विभाग के हित में सवाल उठा रहे थे। उन्होंने विजिलेंस जांच को बदले की कार्रवाई करार दिया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष पर आरोप लगाए हैं। इन अभियंताओं ने राज्य सरकार से कॉर्पोरेशन अध्यक्ष की सीबीआई से संपत्तियों की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।

यूनियनों ने कार्रवाई को दमनात्मक बताया

इस पर राज्य सरकार की ओर से इस पूरे मामले पर अब तक कोई बयान नहीं आया है। लेकिन बिजली विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार आंदोलन से निपटने के लिए सख्त रणनीति अपना रही है। यदि आंदोलन से जुड़े अभियंताओं की संपत्ति जांच में अनियमितताएं पाई गईं, तो उन पर जल्द कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की यूनियनें कार्रवाई को दमनात्मक बताते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रही हैं।

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