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छिड़ गया तीसरा 'विश्व युद्ध'? Iran ने बनाया ‘Plan', जुटाए जा रहे करोड़ों डॉलर
Iranian Cleric Claims Planning To Kill Top 2 Leaders: Iran ने यूरोप के कई देशों से 1 से 2 करोड़ डॉलर तक इस 'हत्या अभियान' के लिए चंदा एकत्रित किया जा चुका है। उन्होंने इसे खुलकर हत्या के लिए फंडरेजिंग' करार दिया।
Iran's Claim To Kill Top 2 Leaders (PHOTO CREDIT: social media)
Iranian Cleric Claims Planning To Kill Top 2 Leaders: ईरान के एक कट्टरपंथी मौलवी अब्दुलमजीद खरगहानी ने झकझोर देने वाला दावा किया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या की योजना बनाई जा रही है। यही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि इस साजिश के लिए बाकायदा फंडरेजिंग अभियान चलाया जा रहा है।
मौलवी ने एक वायरल इंटरव्यू में कहा कि यूरोप के कई देशों से 1 से 2 करोड़ डॉलर तक इस 'हत्या अभियान' के लिए चंदा एकत्रित किया जा रहा है। उन्होंने इसे खुलकर 'ट्रंप और नेतन्याहू की हत्या के लिए फंडरेजिंग' करार दिया। इसके साथ ही खरगहानी ने अपनी बात यहीं खत्म नहीं की। उन्होंने आम जनता से हथियार उठाने की अपील करते हुए कहा कि केवल फौज या सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है कि वे दुश्मनों को मौत के घाट उतारें, बल्कि लोगों को भी इस मुहिम में भागीदारी दिखानी चाहिए ताकि ट्रंप और नेतन्याहू जैसे नेता कोई भी बयान देने से पहले सोचने को मजबूर हों।
हालांकि, अब्दुलमजीद खरगहानी का कोई आधिकारिक ओहदा नहीं है और न ही वह ईरान के मुख्यधारा के धार्मिक नेताओं में शामिल हैं। लेकिन उनकी सोच, ईरान के भीतर कट्टरपंथी तबकों के मूड को जरूर दिखाती है।
ट्रंप की चेतावनी के बाद बढ़ा तनाव
17 जून को डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि उन्हें ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की लोकेशन की पूरी जानकारी है, लेकिन वह उन्हें फिलहाल नहीं मारेंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद से लगातार ईरान में तीखी प्रतिक्रिया देखि जा रही है।
इसके तत्काल बाद शीर्ष ईरानी धर्मगुरु अयातुल्ला नासिर मकरम शिराजी ने फतवा जारी करते हुए कहा कि जो भी ईरान की धार्मिक व्यवस्था या खामेनेई को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा, वह 'मोहारेब' यानी ईश्वर का दुश्मन है और उसे मौत की सजा मिलनी चाहिए।
IAEA चीफ को भी दी गई जान से मारने की धमकी
इस बीच ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु निगरानी को लेकर भी भयंकर तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के साथ औपचारिक सहयोग निलंबित कर दिया है। ईरानी सरकारी मीडिया ने IAEA के प्रमुख राफाएल ग्रॉसी को 'मोसाद का जासूस' बताता है और चेतावनी दी है कि अगर वह ईरान आए तो उन्हें गिरफ्तार कर फांसी दी जाएगी।
बता दे, इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका और इजराइल की चिंता बढ़ा दी है। अब देखना यह है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या कदम उठाए जाते हैं।
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